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परिषदीय विद्यालयों में उधार की हांडी में पक रहा खाना, अधिकारियों के पास पहुंची फाइल

सरकार बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से संचालित विद्यालयों में मिड डे मील योजना चला रही है। गाजीपुर के प्राथमिक विद्यालयों में पिछले 3 माह से कन्वर्जन मनी की राशि नहीं मिली है। जिसके कारण दुकानदार के उधारी के बल पर मिड डे मील बनवाया जा रहा है।

परिषदीय स्कूलों में मिड डे मील के तहत पकाया जाने वाला भोजन उधार की हांडी में पक रहा है। पिछले 3 माह से मिड डे मील का कन्वर्जन कास्ट नहीं मिला है। ऐसे में ग्राम प्रधान और प्रधानाध्यापक को अपने पास से या फिर विद्यालय के आसपास चलने वाले दुकानदार के भरोसे बच्चों का पेट भरने को मजबूर होना पड़ रहा है।

प्रधानाध्यापक की देखरेख में देना होता है भोजन

जनपद के 2269 परिषदीय विद्यालयों में 347117 बच्चे पंजीकृत हैं। जिन्हें ग्राम प्रधान और स्कूल के प्रधानाध्यापक की देखरेख में पका भोजन दिया जाना होता है। इन विद्यालयों में मिड डे मील के लिए प्रति छात्र ₹4.97 पैसे और जूनियर प्राथमिक विद्यालय के लिए 7. 45 पैसे कन्वर्जन कास्ट के रूप में दिया जाता है। जिससे इंधन, सब्जी, तेल, मसाला, नमक की खरीदारी होती है।

मार्च माह के बाद कन्वर्जन मनी नहीं आया

सप्ताह में 1 दिन सोमवार को छात्रों को फल देने की भी योजना है। राजापुर ग्राम प्रधान अश्वनी राय ने बताया कि उनके विद्यालय पर मिड डे मील बनाने के लिए मार्च माह के बाद कन्वर्जन मनी नहीं आया है। जिसके चलते सभी समान उधार लेकर बच्चों का भोजन बनाया जा रहा है।

फाइल उच्च अधिकारियों के पास प्रेषित किया गया

इस मामले पर बेसिक शिक्षा अधिकारी हेमंत राव ने बताया कि कन्वर्जन मनी के लिए फाइल उच्च अधिकारियों के पास प्रेषित कर दिया गया है। बहुत जल्द कन्वर्जन मनी सभी विद्यालय से खातों में चली जाएगी। उन्होंने स्वीकार किया कि विद्यालयों का 3 महीने का कन्वर्जन मनी रुका हुआ है।

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