पवित्र सावन माह के पहले सोमवार को देवाधिदेव का जलाभिषेक एवं उनका दर्शन-पूजन करने के लिए कांवड़ियों की भीड़ रविवार को शहर में उमड़ी। शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों के सैकड़ों महिला एवं पुरुष श्रद्धालु गंगा स्नान के बाद कांवर में जल भरकर महाहर धाम के लिए रवाना हुए।
इस दौरान कांवड़िया हर-हर महादेव, बोल बम का जयकारा लगाते चल रहे थे। सावन माह में देवाधिदेव के जलाभिषेक का काफी महत्व है। बड़ी संख्या में शिवभक्त जिला मुख्यालय से करीब 35 किलोमीटर दूर महाहर धाम में जलाभिषेक करने के लिए जाते हैं। सावन के पहले सोमवार को महाहर धाम में जलाभिषेक करने के लिए रविवार को शहर में कांवड़ियों की भीड़ उमड़ी। सुबह से कांवड़ियों के आने का जो क्रम शुरु हुआ, वहां देर शाम तक जारी रहा। विभिन्न साधनों से कांवरिया शहर में पहुंचे थे।
इसके बाद मिश्रबाजार सहित अन्य बाजारों में सजी पूजा से संबंधित दुकानों से सामान की खरीदारी करने के बाद गंगा घाटों पर पहुंचे। घाटों पर गंगा स्नान के बाद पूजन-अर्चन किया। इसके बाद हर-हर महादेव और बोल बम का जयकारा लगाते हुए वह महाहर धाम के लिए रवाना हुए। कांवड़ियों की भीड़ में महिलाओं, युवतियों सहित छोटे बच्चे भी शामिल थे। कांवड़ियों द्वारा बाबा नगरिया दूर है जाना जरूर है, बोल बम आदि का जयकारा लगाने से आसपास का माहौल भक्तिमय बना रहा।
गंगा घाटों पर जाने वाले मार्ग पर जिधर नजर जा रही थी, उधर कांवड़िया ही नजर आ रहे थे। जिन मार्गों से ये कांवरिया गुजर रहे थे, उन मार्गों पर आवागमन में कई बार अवरोध उत्पन्न हुआ। कांवड़ियों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो। इसके लिए गंगा घाट जाने वाले मार्ग पर बड़े वाहनों को प्रतिबंधित किया गया था। सावन के पहले सोमवार को भोलेनाथ का जलाभिषेक करने के लिए रविवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु शहर में पहुंचे थे। विभिन्न साधनों से शिवभक्त ददरीघाट एवं चीतनाथ गंगा घाट पर पहुंचे। घाटों पर भीड़ के चलते मेले जैसी स्थिति बनी रही। सबसे ज्यादा भीड़ ददरीघाट पर रही। कांवड़ियों को किसी तरह की असुविधा न हो इसके लिए साफ-सफाई आदि की व्यवस्था की गई थी।