मुहम्मदावाद में रुक रुककर हो रही बारिश ने किसानों की चिंता को कम किया है। किसानों ने धान की रोपाई शुरू कर दी है। ऐसे में किसानों को कुछ हद तक राहत मिलने के आसार हैं। किसानों ने जहां मौसम विभाग की भविष्यवाणी को देखते हुए इस साल सामान्य बारिश होने की उम्मीद लगा रखी थी। वहीं, दूसरी तरह जनपद को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग भी उठने लगी थी।
पलियां बुजुर्ग के रहने वाले कृष्णानंद राय ने दैनिक भास्कर को बताया कि धान की फसल की रोपाई इस साल चुनौतियों से भरी रही। मौसम विभाग ने जब इस साल बरसात को लेकर भविष्यवाणी की थी। तब वह और उनके साथ के किसानों के मन मे इस बात को लेकर उत्साह था कि इस साल उनके पम्पिंग सेट से कम डीजल खर्च होगा।वह लोग कम पैसा खर्च करके धान की रोपाई करने में सफल रहेंगे। ।लेकिन,मानसून ने कृष्णनंदन राय और उन जैसे कई किसानों को मायूस किया।अब जुलाई के अंतिम हफ्ते में छिटपुट बरसात के बीच अब किसान अपने धान की रोपाई कर रहे है।
बता दें कि भारत कृषि प्रधान देश है। ग्रामीण क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था आज भी ज्यादातर कृषि पर ही आधारित है।मौसम का कृषि पर बेहद असर पड़ता है।किसानों को मौसम की जानकारी देने के लिए कृषि विज्ञान के केंद्रों की ओर से समय समय और एसएमएस अलर्ट भेजा जाता है।