कायाकल्प योजना के तहत जनपद के सैकड़ों परिषदीय विद्यालयों की मरम्मत और टाइलसीकरण कराया जा रहा है। जिसके क्रम में सेवराई तहसील के शिक्षा क्षेत्र भदौरा के अंतर्गत भी सैकड़ों स्कूलों को अंग्रेजी मीडियम स्कूलों की तर्ज पर कार्य करते हुए विकसित किया गया है। लेकिन भदौरा ब्लाक मुख्यालय से 3 किलोमीटर दूर देवकली ग्राम सभा अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय घोषवल आज भी उपेक्षा का दंश झेल रहा है।
विद्यालय में ना शौचालय न जाने का रास्ता
प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों व अध्यापकों सहित विद्यालय कर्मचारियों को दो दशक पुरानी परंपरा अंतर्गत पठन-पाठन को विवश होना पड़ रहा है। ताड़ीघाट बारा और भदौरा बसुका मुख्य रोड से करीब डेढ़ किलोमीटर अंदर खेतों के बीच बनाया विद्यालय आज भी अपनी बदहाल व्यवस्था पर आंसू बहा रहा है।
आलम यह है कि विद्यालय तक जाने के लिए दशकों पूर्व महज 3 से 4 फुट चौड़ी खड़ंजा बिछाई गई है। जिसके दोनों तरफ झाड़ियां उग गई हैं। विद्यालय में बच्चों व अध्यापकों के लिए शौचालय तक नसीब नहीं है। विषम परिस्थितियों में बच्चों, अध्यापकों एवं अन्य कर्मचारियों को शर्मसार होना पड़ता है। अथवा खुले में ही शौच को विवश होना पड़ता है।
बरसात में जलभराव के बंद करना पड़ता है स्कूल
हल्की सी बरसात में ही स्कूल परिसर में जल जमाव की स्थिति हो जाती है। दशकों पूर्व बनाए गए स्कूल पर जाने का कोई सुगम मार्ग ना होने के कारण हल्की बरसात में आवागमन मुश्किल हो जाता है. जिससे मजबूरी वस स्कूल बंद करना पड़ता है।
दो कमरों में बैठते है 5 कक्षाओं के छात्र
विद्यालय के दो कमरों में ही कक्षा 5 तक के बच्चों की पठन-पाठन व मध्यान भोजन के लिए रसोई का इस्तेमाल किया जाता है। विद्यालय के फर्श अति जर्जर हो चुके हैं। इस बाबत ग्राम प्रधान रामप्रवेश कुशवाहा ने बताया कि बरसात से पूर्व ही शौचालय व कायाकल्प के लिए समान गिराया गया है धन के अभाव के कारण कार्य पूरा नहीं हो सका है।