हर घर तिरंगा के लिए तीन लाख झंडे जनपद में तैयार किए जा रहे हैं। इसके लिए स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को लगाया गया है। वह पिछले एक महीने से तैयार करने में लगी हुई हैं। घर-घर तिरंगा लगाने का अभियान सात से 15 अगस्त तक चलेगा। तिरंगा तैयार करने वाली महिलाओं को इससे रोजगार भी मिल रहा है और राष्ट्रवाद के लिए काम करने का मौका भी।
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ी सैदपुर व सादात ब्लाक के स्वयं सहायता समूह की महिलाएं हर घर तिरंगा अभियान के लिए राष्ट्रीय ध्वज का निर्माण कर रही हैं। इसे आजादी के अमृत महोत्सव के तहत सरकारी भवनों, आम लोगों के मकान व प्रतिष्ठानों पर फहराया जाएगा। इसका निर्माण अलग-अलग साइज में हो रहा है। कई विभागों के माध्यम से घर-घर तिरंगा झंडा वितरित किए जाएंगे।
खानपुर : सैदपुर ब्लाक की 10 महिला समूह को 20 हजार राष्ट्रीय ध्वज बनाने की जिम्मेदारी दी गई है। कांति महिला समूह शिवदासपुर, मुस्कान, काव्या, सूरज समूह नसीरपुर और यमुना, सूरज समूह मकरसन सहित अन्य महिला समूह की महिलाएं इसकी तैयारी शुरू कर दी हैं। ब्लाक प्रभारी नसीम अख्तर ने बताया कि राष्ट्रप्रेम की भावना जागृत कर स्वतंत्रता के प्रतीकों के प्रति सम्मान का भाव उजागर करने के उद्देश्य से स्वतंत्रता दिवस पर हर घर तिरंगा कार्यक्रम के लिए सूती खादी और पोलिस्टर मिक्स कपड़ों के झंडे तैयार हो रहे हैं। महिला आजीविका मिशन प्रभारी एजाज अहमद ने बताया कि तीन रंग के कपड़ों की खरीदारी कर निर्धारित आकार एक फीट चौड़ा और ढेड़ फीट लंबा झंडा बना रही हैं।
मध्यम और लघु आकार के झंडे यहां की महिला समूह बना रही हैं। इसके लिए उन्हें विभिन्न मदों से पारिश्रमिक भी दिया जाएगा। इन झंडों पर अशोक चक्र का चिह्न अंकित कर सभी झंडे जिला मुख्यालय को भेज दिए जाएंगे। जहां से ये झंडे विभिन्न विभागों के माध्यम से लोगों को दिए जाएंगे। महिला समूह की महिलाओं का कहना है कि राष्ट्रीय ध्वज सिलने का अलग ही गौरव अनुभूति है। सम्मान के साथ के इन तीन रंग के कपड़ों को जोड़ा जा रहा है।
बीडीओ खुद कर रहे मानीटरिंग
सादात : आजादी के अमृत महोत्सव के तहत हर घर में स्वतंत्रता दिवस पर झंडारोहण के लिए ब्लाक स्तर की स्वयं सहायता समूह की महिलाएं तिरंगा झंडा बनाने में जुट गई हैं। खंड विकास अधिकारी शिरीष कुमार वर्मा स्वयं सहायता समूहों पर जाकर खुद इसकी मानीटरिंग कर रहे हैं। करीब 20 से ज्यादा समूह की महिलाओं को 20 हजार से ज्यादा तिरंगा झंडा तैयार करना है। बीडीओ ने बताया कि सिलाई मशीन से खादी, पालिस्टर कपड़ा से तैयार हो रहा है। इसे तैयार करने के बाद चौबीस तीलियों का चक्र लगाने के लिए जिला मुख्यालय पर भेज दिया जाएगा।