नगर पंचायत अध्यक्ष अविनाश जायसवाल व अधिशासी अधिकारी मनोज पांडेय ने नपं सभागार में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में साढ़े चार वर्ष का कार्यकाल पूरा होने पर विकास कार्यों की उपलब्धियां गिनाईं और कार्यों का लेखा जोखा भी प्रस्तुत किया। नगर अध्यक्ष ने बताया कि सपा सरकार के दौरान विकास कार्यों के लिए 21 करोड़ 64 लाख धनराशि 14 फीसदी वार्षिक ब्याज पर ऋण के तौर पर ली थी, जिसकी किस्त के रूप में सात लाख रुपये हर महीने राज्य वित्त से मिलने वाली धनराशि में कटौती हो जाती है। वर्ष 2030 तक किस्त जमा होगी तब जाकर नगर पंचायत ऋण मुक्त हो पाएगा।
उन्होंने कहा कि नगर के विकास के लिए पंडित दीनदयाल आदर्श नपं योजनांतर्गत तीन करोड़ रुपये नपं को मिला, जिसमें नगर में सड़क, बिजली, नाला, नाली, पार्क व तालाबों का सुंदरीकरण हुआ है। वहीं 15वें वित्त में 1.76 करोड़ रुपये और राज्य वित्त आयोग से 75 लाख रुपये मिला, जिसमें 17 लाख 34 हजार रुपये प्रति माह के हिसाब से कर्मचारियों को वेतन व पेंशन दी जाती है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत नपं द्वारा कूड़ा डंपिंग के लिए साढ़े तीन बीघा जमीन उसिया मौजा में लिया गया है। 33 लाख 68 हजार रुपये की लागत से एमआरएफ सेंटर का निर्माण तथा नगर में अनुमानित चार लाख की लागत से चार सामुदायिक शौचालय 20 सीटर तथा 10 सीटर सार्वजनिक शौचालय नौ लाख की लागत से तथा 10 जगहों पर 10 सीटर सार्वजनिक मूत्रालय दो लाख 13 हजार व 475 लाभार्थियों को 38 लाख से व्यक्तिगत शौचालय का निर्माण भी कराया गया।
166 लाभार्थियों को प्रधानमंत्री आवास तथा 908 लाभार्थियों को पीएम स्वनिधि योजना का लाभ दिया गया। एपीजी अब्दुल कलाम सौर पुंज योजनांतर्गत 60 लाख की लागत से वार्ड 5 व 11 में सौर ऊर्जा व नगरी पेयजल योजनांतर्गत 45 लाख से वार्ड 2 व 4 में पाइप लाइन बिछाने का कार्य हुआ। सामुदायिक शौचालय के लिए 19 लाख 60 रुपये मिला है जिसमें नगर में पांच सीटर कांप्लेक्स शौचालय का निर्माण हो चुका है।
अधिशासी अधिकारी मनोज पांडेय ने कहा कि वर्तमान समय में सीमित बजट से ही नगर में विकास कार्य तेजी से हो रहा है। राज्य वित्त आयोग से मिलने वाली धनराशि से प्रति माह अनुमानित सात लाख रुपये पुराने ऋण के बकाया के एवज में कट जाता है। प्रति माह ढाई लाख रुपये बिजली बिल देय होता है। ऋण की कटौती व बिजली बिल के बाद नपं को 15 लाख ही मिलता है, जिसमें 17 लाख रुपये कर्मचारियों का वेतन व पेंशन देना होता है। ऐसे में प्रति माह दो लाख नपं को घाटा हो रहा है। एसबीएम प्रभारी गौतम बुद्ध, लिपिक घनश्याम, इंतजार, महाजनयादव, जयप्रकाश, सभासद प्रतिनिधि शमशाद खां, वीरेंद्र गुप्ता, सुशील राजभर, राजा आदि रहे।