पूरा आषाढ़ मास सूखा निकल जाने के बाद सावन शुरू हो गया है, लेकिन बदरा अभी भरपूर नहीं बरसे हैं। वर्षा की आस लिए किसान धान रोपने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन अब फसल पिछड़ने के डर से रोपाई शुरू कर दी गई है। खेतों को पंपिंग सेट व नलकूप से भरा जा रहा है। सिंचाई महंगी होने से फसल की लागत भी बढ़ जाएगी।
वर्षा की आस लिए किसान काफी दिन से आसमान निहार रहे थे। सावन माह की शुरुआत भी हो गई, लेकिन वर्षा के आसार अभी तक नहीं दिख रहे। तेज धूप से खेत चटक रहे हैं और धान की नर्सरी भी सूख रही है, ऐसे में फसल का नुकसान हो रहा और अगर सही समय से रोपाई न हुई तो नुकसान भी होगा। ऐसे में परेशान किसानों ने नलकूप से खेतों की भराई शुरू करा दी है। पानी लबालब भरा जा रहा है और धान की रोपाई की जा रही है। बारा गांव में कई किसान सोमवार को खेत भरने के बाद रोपाई कर रहे थे।
किसान हाजी अबुसालेह खान, ओमकार सिंह यदव, एजाज खान, जयप्रकाश राय, कालिका सिंह यादव, योगेंद्रनाथ राय ने बताया कि पानी न बरसने के कारण धान रोपाई का काम पिछड़ रहा है। इससे पैदावार पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। इसके साथ ही बड़े क्षेत्र में रोपाई का काम छूट जाएगा। इसके लिए वह डीजल खरीद कर पंपिंग सेट से खेतों को पानी से भर रहे हैं। नलकूप संचालकों ने भी सिंचाई महंगी कर दी है। इससे हमारी जेब ढीली हो रही है। वर्षा से निश्शुल्क खेत भर जाते थे। सावन मास चल रहा है, लेकिन तेज धूप देखकर लगता नहीं है कि वर्षा कुछ दिन अभी होगी।