एक बार फिर से वाराणसी में गंगा नदी का जलस्तर लोगों को चुनौती देने की ओर है। दरअसल वाराणसी सहित समूचे पूर्वांचल में नदियों में उफान की स्थिति शुरू हो गई है। पहाड़ों पर लगातार बारिश के बाद से ही गंगा नदी के जलस्तर में इजाफा शुरू हो चुका है। इस माह की शुरुआत से ही पहाड़ों पर गंगा नदी में वेग बढ़ने के साथ ही राफ्टिंग पर प्रतिबंध लग गया था। अब गंगा नदी का जलस्तर मैदानी इलाकों में भी लगातार हो रही बरसात के बाद से ही बढ़ने लगा है। वाराणसी में पूर्व में गंगा के किनारे रहने वालों के साथ वरुणा में पलट प्रवाह का दौर लोगों को चुनौती देती रही है।
वाराणसी में केंद्रीय जल आयोग ने गुरुवार को जो रिपोर्ट जारी की है वह काफी चौंकाने वाली है। गुरुवार की सुबह आठ बजे तक बीते चौबीस घंटों में 67 मिमी तक बारिश वाराणसी में हो चुकी थी। इस लिहाज से गंगा का जलस्तर भी लगातार बढ़ता जा रहा है। गंगा नदी में राजघाट पर केंद्रीय जल आयोग द्वारा लिए गए आंकड़ों के अनुसार गंगा में लगातार 40 मिमी तक प्रतिघंटा जलस्तर में इजाफा हो रहा है। यही हाल बना रहा तो गंगा आरती का स्थल भी सप्ताह भर में बदलने की नौबत आ सकती है।
हालांकि वाराणसी में गंगा का चेतावनी स्तर 70.262 मीटर है जबकि खतरा बिंदु 71.262 मीटर है। जबकि गुरुवार की सुबह गंगा का जलस्तर 61.14 मीटर पर है। गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ा की ओर होने के बाद लोगों को गंगा का जलस्तर चुनौती देने की ओर हो चला है। गंगा नदी में फिलहाल 40 मिमी प्रतिघंटे तक का इजाफा हो रहा है। ऐसे में अगर गंगा नदी में यही हाल बना रहा तो जल्द ही गंगा के किनारे निचले इलाकों में बाढ़ का दौर लोगों को नजर आने लगेगा। पूर्व में भी गंगा में बाढ़ आने के बाद ऊपर छतों पर शवदाह का दौर शुरू हो जाता था।