गंगा के जलस्तर में पिछले एक सप्ताह से हो रही निरंतर वृद्धि के बीच घाटों का संपर्क टूटना शुरू हो गया है। रविवार को पानी बढ़ने से मानमंदिर घाट और मीरघाट समेत विभिन्न घाटों के बीच संपर्क भंग हो गया। हालांकि कई घाटों के बीच दर्शनार्थी रिस्क लेकर आ-जा रहे हैं। डा. राजेंद्र प्रसाद घाट पर गंगा का जल प्लेटफार्म के नीचे तक पहुंच गया। दशाश्वमेध पर सीढ़ियां डूबने से आरती का मंच ऊपर करने की व्यवस्था में आयोजक जुट गए हैं।
हालांकि गंगा के जलस्तर में बढ़ने की रफ्तार काफी कम है। नदी 10 मिमी प्रति घंटा के वेग से बढ़ रही हैं। रविवार की सुबह तक गंगा का जलस्तर 62.38 मीटर तक पहुंच गया था। हालांकि अभी यह खतरे के निशान (71.262 मीटर) से काफी नीचे है। पानी बढ़ने से दशाश्वमेध घाट से डोमराजा कोठी के बाद मार्ग पर पानी भर गया है। नव्य-भव्य श्री काशी विश्वनाथ धाम के गंगा द्वार का संपर्क घाट से टूट गया है।
श्रीकाशी विश्वनाथ धाम जाने को भक्तों के लिए अस्थायी घाट रास्ता बनाने की योजना
सोमवार को बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक करने वाले आने वाले कांविड़याें व भक्तों के लिए अस्थायी घाट रास्ता बनाने के उपाय पर प्रशासन काम कर रहा है। मीरघाट के पहले श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के मुख्य कार्यपालक अधिकारी समेत क्षेत्रीय एसीपी ने मौका मुआयना किया।
एक अस्थायी घाट रास्ता भक्तों के लिए बना कर देखा जा रहा है कि भक्त इधर से आ सकते हैं या नहीं। बहरहाल समाचार लिखे जाने तक कोई निर्णय नहीं लिया जा सका था। सीईओ सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि घाट के रास्ते में पानी भर जाने घाट होते गंगा द्वार से आना संभव न होगा। हालांकि नाव से आने वालों को रोका भी नहीं जाएगा।
मार्कंडेय महादेव का दरबार भक्तों से रहा गुलजार
कैथी स्थित मार्कंडेय महादेव धाम में रविवार को श्रद्धालुओं से गुलजार रहा। पूर्वांचल के विभिन्न जिलों से आए कांवरियों ने सर्वप्रथम गंगा-गोमती संगम में स्नान किया। मार्कंडेय महादेव का जलाभिषेक कर आशीर्वाद लिया। थानाध्यक्ष चौबेपुर अनिल कुमार मिश्र ने बताया की सुरक्षा की दृष्टि से प्रशासन चौकन्ना है।