जमानिया के कई गांव जल जमाव की समस्या से जूझ रहे हैं। जिससे वहां के लोगों में संक्रामक बीमारी फैलने का डर बैठ गया है। ग्रामीणों ने जिम्मेदारों पर घोर उदासीनता आरोप लगाया है। प्रशसन को अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि यदि समस्या का निराकरण नहीं हुआ तो सड़कों पर उतरकर हम प्रदर्शन करेंगे।
क्षेत्र के चकियां उर्फ चकमजीठ गाँव में पिछले डेढ़ वर्ष से जलनिकासी मुख्य समस्या बनी हुई है। जिसकी समुचित व्यवस्था न किए जाने से लोगों के घरों व नालियों का गंदा पानी गलियों में एक से डेढ़ फुट तक भर गया है।
ग्रामीण गिरकर हो रहे हैं चोटिल
गांव के श्याम नारायण,अभिषेक यादव, रामरतन, कैलाश सिंह, दया शंकर यादव, मनोज आदि ने बताया कि इसके चलते ग्रामीणों ,छात्र छात्राओं, मरीजों, बुजुर्गों, महिलाओं ,पुरुषों को आने जाने में दिक्कतें उठानी पड़ रही हैं। आए दिन इस जलजमाव व कीचड़ से होकर आते जाते समय लोग गिरकर चोटिल हो जा रहे हैं। बावजूद जिम्मेदार मौन साधे बैठे हैं, जो समझ से परे है।
1 से 1.5 फुट तक भर जाता है पानी
ग्रामीणों ने बताया कि गाँव की सभी प्रमुख गलियों में एक से डेढ़ फुट तक जलजमाव है। यही नहीं मार्ग जंगली घास फूस से पटा है जिससे ये पता ही नहीं चलता है कि यह गाँव का मुख्य मार्ग है या नाला। लोगों ने बताया कि अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते जल निकासी की समुचित व्यवस्था नहीं हो पाई है।
इसके चलते गांव के जाने वाले प्रमुख मार्ग पर पिछले काफी दिनों से ग्रामीण जलभराव की समस्या से जूझ रहे हैं। स्थिति यह है कि मजबूरी में पैदल व साइकिल सवार सहित अन्य मुसाफिर, छात्र छात्राएं जलजमाव के बीच होकर आने जाने को मजबूर हैं। लोगों का कहना है कि हल्की सी बरसात में भी यहां की स्थिति बद से बदतर हो जाती है।
जनप्रतिनिधियों ने दिया केवल कोरा आश्वासन
जन प्रतिनिधियों व अधिकारियों से जलनिकासी को लेकर बात की गई है, लेकिन स्थिति में कोई सुधार नहीं आया है। ग्रामीणों ने बताया कि गांव के कई मोहल्लों में इस तरह कि स्थिति है। ऐसे में यहां संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ता जा रहा है। लोगों ने कहा कि अगर यही स्थिति रही तो ग्रामीण सड़क पर उतरने को विवश होगें। इस बाबत खंड विकास अधिकारी अरूण कुमार ने बताया कि समस्या के समाधान के लिए जमीन तलाशी जा रही है। उपलब्ध होते ही इसका निराकरण करा दिया जायेगा।