शिक्षकों की समस्याओं का निस्तारण न होने से नाराज उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ 16 जुलाई डीआईओएस कार्यालय पर धरना प्रदर्शन करेगा। विरोध प्रदर्शन को सफल बनाने के लिए जनपदीय पदाधिकारियों, कार्यकारिणी सदस्य तथा सक्रिय कार्यकर्ताओं द्वारा विद्यालयों का दौरा कर शिक्षकों को लामबंद किया गया।
प्रदेश कार्यकारिणी के वरिष्ठ सदस्य दिनेश चन्द्र राय ने कहा कि शिक्षकों की समस्याओं का निस्तारण कराना संगठन के पदाधिकारियों कार्यकर्ताओं का दायित्व है। उन्होंने कहा कि सरकार सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों के प्रति उदासीन है और पूर्व प्रेषित ज्ञापन की मांगों पर कोई कार्रवाई नही कर रही है, जबकि शिक्षकों ने कोरोना आदि की विषम परिस्थितियों में सरकार को पूरा सहयोग किया।
शिक्षकों की हैं 17 प्रमुख मांगें
सरकार के उदासीन रवैये को देखते हुए प्रदेशीय नेतृत्व द्वारा निर्णय लिया गया है कि 16 जुलाई को संघर्ष के पहले चरण में प्रदेश के सभी जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालयों पर धरना देकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किए जाए। शिक्षकों की 17 प्रमुख मांगें हैं। इसमें पुरानी पेन्शन की बहाली, वित्त विहीन विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को समान कार्य के लिए समान वेतन एवं सेवा शर्ते, निःशुल्क चिकित्सा सुविधा, वंचित तदर्थ शिक्षकों का विनियमितीकरण आदि प्रमुख हैं।
महंगाई भत्ते का भी अभी तक नहीं हुआ भुग्तान
उन्होंने बताया कि अभी तक 3 प्रतिशत महंगाई भत्ते की किस्त का भुगतान नहीं किया गया है। कक्ष निरीक्षक और बोर्ड परीक्षा के पारिश्रमिक का भुगतान भी लंबित है। इस पर गुस्सा जताया और संघर्ष का आह्वान किया।