Type Here to Get Search Results !

Recent Gedgets

Trending News

जीएसटी का असर : पुराने स्टॉक पर पुराना ही रेट ले रहे व्यापारी

जीएसटी काउंसिल की बैठक के दौरान घरेलू उपयोग की कई चीजों पर जीएसटी लगाने के फैसले से आम जनता पर बोझ बढ़ गया है। आम आदमी पर आज से महंगाई का बोझ का डर दिखा हालांकि सोमवार को सब कुछ पुराने दाम पर ही बिका। गाजीपुर में आटा, दूध, दही या पनीर समेत किसी भी प्रोडक्ट पर कीमत बढ़ाकर नहीं ली गई। बाजार में एक दो दिन में इसका असर होने की संभावनाएं हैं, हालांकि दुकानदार नई पैकिंग या नया माल आने पर ही नई कीमत बताने की बात करते रहे। वहीं बाजार में भी रोजमर्रा की जरूरत के कुछ सामान महंगे होने की संभावना से लोग बड़ी संख्या में बाजारों तक पहुंचे।


वहीं आम आदमी सरकार के फैसले से नाखुश दिखा। उनका कहना था कि केंद्र सरकार की ओर से महंगाई को कम करने के कोई उपाय नहीं किए जा रहे हैं। जिन वस्तुओं जैसे डीजल, पेट्रोल को जीएसटी के दायरे में लाया जाना था उन्हें नहीं लाया जा रहा है। इसके उलट डिब्बा बंद, पैकेट बंद अनाज और अन्य वस्तुओं को जीएसटी के दायरे लाया गया है इससे आम आदमी को जीना मुश्किल हो गया है। मिश्र बाजार के किराना संचालक राजेश ने बताया कि गाजीपुर में पैकिंग के अलावा खुले माल पर कीमतें नहीं बढ़ी हैं। हम दुकान पर अपना आटा बेचते हैं जो कल भी कल वाली कीमत पर मिलेगा। साफ है कि खुले में बिकने वाले बिना ब्रांड वाले उत्पादों पर अभी जीएसटी चार्ज नहीं किया जाएगा। ऐसे में महंगाई की मार से बचने के लिए पैकेटबंद चीजों की जगह खुली चीजों के इस्तेमाल का विकल्प बना हुआ है।

थोक व्यापारियों ने बताया कि जीएसटी काउंसिल की बैठक में डिब्बाबंद या लेबल लगे (फ्रोजन गुड्स के अलावे) दही, लस्सी, पनीर, शहद, मछली, सूखा सोयाबीन, सूखा मखाना और मटर जैसे उत्पादों, गेहूं व अन्य अनाज के अलावे मूढ़ी या मुरमुरे पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगाने का फैसला लिया गया था। अब तक इन चीजों पर लगने वाली जीएसटी में छूट मिलती थी। उसी तरह विभिन्न पेय पदार्थों के टेट्रा पैक और बैंकों की तरफ से जारी किए जाने वाले चेकबुक पर भी सेवा बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है। ऐसे में गाजीपुर में नया माल या नईपैकिंग आने के बाद सभी उत्पाद महंगे हो जाएंगे।

महंगाई पर बोलीं महिलाएं

पहले खाद्य तेलों के दाम में बढ़ोतरी, फिर घरेलू गैस सिलिंडर, अब पैकेट बंद अनाजों को जीएसटी के दायरे में लाने पर महिलाओं ने ऐतराज जताया है। महिलाओं का कहना है कि एक साल से लगातार बढ़ रही महंगाई के कारण गृहस्थी चलाना मुश्किल हो रहा है। उन्होंने अगर यही हाल रहा तो गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए घर का राशन जुटाना मुश्किल हो जाएगा।

सरकार का यह कदम गलत

पैकेट बंद अनाज को जीएसटी के दायरे में लाना केंद्र सरकार का यह कदम गलत है। एक साल से लोगों महंगाई की मार झेल रहे हैं। उसके बाद भी सरकार किसी प्रकार की रियायत नहीं दे रही है। पहले खाद्य तेलों के दाम बढ़ाए, फिर रसोई गैस के, और अब पैकेट बंद अनाज को जीएसटी के दायरे में लाने से आम लोगों पर महंगाई की मार पड़ेगी।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.