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सिर कूंच कर मां-बेटी की हुई थी हत्या, पुलिस जांच मामला आया सामने

वाराणसी लंका के नरिया प्राथमिक विद्यालय के पास रहने वाली सुनीता पांडेय और उनकी बेटी दीपिका की हत्या सिर कूंच कर किए जाने की बात सामने आ रही है। इस संबंध में कमिश्नरेट पुलिस को अहम सुराग हाथ लगे हैं। इसी क्रम में पुलिस आयुक्त ए. सतीश गणेश ने शुक्रवार को क्राइम ब्रांच व सर्विलांस टीम के साथ एक घंटा से अधिक समय घटनास्थल व उसके आसपास जांच की। घटना वाले मकान से पुलिस ने बाल व खून लगी हथोड़ी, राड व कुछ कपड़े कब्जे में लिए हैं। पुलिस इस मामले में छोटे बेटे समेत आधा दर्जन लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।


पुलिस आयुक्त जब घटना वाले मकान में पहुंचे तो वहां लाइट नहीं थी। इस पर टीम ने ड्रैगन लाइट का सहारा लिया। पुलिस आयुक्त ने घर के अगल-बगल की गलियों का निरीक्षण किया और छत पर चढ़कर घटना की बारीकी से जांच की। कमरे से टीम को महत्वपूर्ण साक्ष्य हासिल हुए हैं।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सिर पर वार कर हत्या की बात सामने आई है। पहले महिला पर वार किया गया। बेटी दीपिका पांडेय को बेड से खींच कर बरामदे में लाकर घटना को अंजाम दिया गया क्योंकि वह बेडशीट हाथ में पकड़ी थी। बता दें कि प्राथमिकी विद्यालय के पीछे जाने वाली गली आगे जाकर तीन हिस्सों में बंट जाती है।

गली के भीतर सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हैं। माना जा रहा है कि हमलावर पिछले दरवाजे समेत घर में घुसे थे, क्योंकि महिला का शव पिछले दरवाजे के पास लाबी में पड़ा मिला था। प्राथमिकी विद्यालय के पास ही बिजली विभाग से सेवानिवृत्त बालमुकुंद पांडेय का मकान है। उनकी मृत्यु हो चुकी है। मकान में उनकी पत्नी सुनीता पांडेय व बेटी दीपिका पांडेय रहती थी। बुधवार की दोपहर दोनों के सड़े गले शव मिल थे। उनके दो बेटों में बड़ा अखिलेश पांडेय दिल्ली तो छोटा अंजनी पांडेय चोलापुर में रहता है। मां-बेटों में संपत्ति को लेकर विवाद चल रहा था। बड़ा बेटा अपने हिस्से की संपत्ति बेच चुका है। छोटा बेटा भी अपने हिस्से की संपत्ति बेचना चाहता है।

हरिश्चंद्र घाट पर दाह संस्कार, नहीं पहुंचा बड़ा बेटा

गुरुवार की देर रात डाक्टरों के पैनल की मौजूदगी में मां-बेटी के शवों का पोस्टमार्टम हुआ। इसके बाद शुक्रवार की सुबह पुलिस ने उनके शवों का दाह संस्कार हरिश्चंद्र घाट पर कराया। मुखाग्नि पुलिस हिरासत में छोटे बेटे ने दी। वहीं, 700 किमी दूर रहने वाला बड़ा बेटा 72 घंटे बाद भी नहीं पहुंचा।

अखिलेश के रवैए को देखते हुए पुलिस को भी शक है। पुलिस के अनुसार गुरुवार की देर रात रात दो बजे उसकी लोकेशन कन्नौज मिली जबकि इसके बाद उसने मोबाइल भी बंद कर लिया। लोगों का कहना था कि बीते नवंबर माह में छोटे भाई के विवाद की सूचना पर फ्लाइट से दो घंटे में घर पहुंच गया था।

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