मानसून की बारिश होते ही सरकार के गड्ढा मुक्त मार्गों कि पोल खुलने लगी है। पड़ोसी राज्य बिहार को जोड़ने वाली करीब 12 कि.मी. लम्बे जमानिया- दिलदारनगर मार्ग की हालत पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है। मार्ग पर बने जगह-जगह गड्ढे और उसमें भरा पानी राहगीरों के लिए किसी हादसे को दावत देने से कम तो नहीं है।
बावजूद तहसील मुख्यालय पर अपने ऑफिस में बैठकर फरमान जारी करने वाले जिम्मेदार लापरवाह बने हुए हैं। जिसका नतीजा कि मार्ग से होकर गुजरने वाले पैदल मुसाफिर से लेकर छोटे बड़े वाहन आए दिन अनियंत्रित होकर पलट जा रहे हैं। जिसके चलते एक तरफ जहाँ लोग चोटिल हो रहे हैं। वहीं इसके कारण रोज जाम जैसी स्थिति भी पैदा हो रही है।
बड़े हादसे के इंतजार में बैठे अधिकारी
देवेन्द्र कुश्वाहा, जीतेन्द्र, अमित ताहिर खां, पेवारू कुश्वाहा, तरूण गुप्ता आदि ग्रामीणों का कहना है कि लगता है जिम्मेदार किसी बड़े हादसे के इंतजार में है। तब जाकर शायद इनकी कुंम्भकरणीय नींद टूटे और इस महत्वपूर्ण मार्ग की मरम्मत हो। बहरहाल जो स्थिति है नहीं लगता कि इसकी मरम्मत जल्द हो सकेगी।
स्कूली छात्रों को भी हो रही परेशानी
लोगों का कहना है कि हैरानी तो इस बात की है कि इस मार्ग से जनप्रतिनिधि से अधिकारी भी गुजरते हैं। मगर आज तक इनका ध्यान इस ओर न जाना समझ से परे है। सबसे ज्यादा परेशानी तो इस मार्ग पर पड़ने वाले दर्जनों स्कूलों के छात्र छात्राओं को होती है। लोगों ने बताया कि बरसात होने पर गड्ढे पानी से लबालब हो जा रहे हैं। जिससे गहराई का पता नहीं चल पाता और राहगीर इन गड्ढों में गिरकर घायल हो जाते हैं।
सड़कों पर उतरकर देंगे धरना
साथ ही लोगों ने चेताया कि अगर समय रहते जल्द इस मार्ग को दुरुस्त नहीं किया गया तो ग्रामीण सड़क पर उतरने को विवश होगें। जिसकी पूरी जिम्मेदारी विभाग की होगी। इस बाबत प्रांतीय खंड के एक्सीयन राधाकृष्ण कमल ने बताया कि इस महत्वपूर्ण मार्ग के मरम्मत के लिए शासन को करोड़ों का प्रस्ताव गया है। मंजूर होते ही इसकी मरम्मत शुरू कर दी जाएगी।