जनपद में शनिवार से दस्तक अभियान का आगाज हो गया। अभियान के तहत शहर से लेकर गांव-गांव तक आशा घर पहुंचकर जानकारी जुटाने में लगी है। परिवार के लोगों की स्वास्थ्य संबंधी जानकारी लेने के साथ ही वह एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिड्रोम एईएस और जापानी इंसेफ्लाइटिस जेई, कोविड आदि बीमारियों से बचाव के प्रति जागरूक करेंगी। घरों पर बीमारी से बचाव संबंधी स्टिकर भी चिपकाए जाएंगे। शासन के निर्देश पर इस अभियान में 11 विभागों को शामिल किया गया है। अभियान के दौरान में बुखार सहित कालाजार के लक्षण मिलने वाले मरीजों को चिंहित कर सूची भी तैयार की जाएगी।
दस्तक अभियान को सफल बनाने के लिए 11 विभागों में स्वास्थ्य विभाग, चिकित्सा शिक्षा विभाग, पंचायती राज विभाग, नगर विकास विभाग, शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, पशुपालन विभाग, कृषि विभाग, सिंचाई विभाग, दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग, उद्यान विभाग एवं सूचना विभाग को शामिल किया गया है। शासन के द्वारा सभी विभागों के उत्तरदायित्व एवं गतिविधियों का निर्धारण किया गया है|
जिला मलेरिया अधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि इस अभियान के दौरान ग्रामीण स्तर पर आशा एवं आंगनबाड़ी द्वारा जन जागरूकता करते हुए आशाएं प्रत्येक घर का भ्रमण कर पांच प्रकार के सूचियां तैयार करने में जुटी है। जिसमें बुखार के रोगियों की सूची, कालाजार के लक्षण मिलने वाले की सूची, आईएलआई रोगियों की सूची, क्षय रोग के लक्षण वाले व्यक्तियों की सूची, कुपोषित बच्चों की सूची एवं क्षेत्रवार ऐसे मकानों की सूची तैयार करेंगी जहां घरों के भीतर मच्छरों का प्रजनन ज्यादा पाया गया हो।
टीम में एएनएम को उपचार, जांच और परामर्श के लिए दस्तक किट दिए गए हैं। अभियान के दौरान जन्मजात विकृतियों, कटे होंठ, तालू, बहरापन, भेंगापन, क्लबफुट बच्चों की पहचान भी की जाएगी। रोग के लक्षण मिलने पर बच्चे को निकट के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के लिए रेफर किया जाएगा। वहीं कुपोषित व अतिकुपोषित के बच्चों की सूची भी तैयार रहेगी। इसमें अतिकुपोषित बच्चों को पोषण पुर्नवास केंद्र पर भर्ती कर चिकित्सकों के निगरानी में इलाज किया जाएगा।