सावन मास भोले भण्डारी के भक्तों का खास महिना होता है। हजारों कांवरियों के अलावा जिले के पुलिस अधीक्षक रोहन पी बोत्रे ने भी महाहर धाम में आकर पूजन-अर्चन व शिव का जलाभिषेक किया।
पुलिस अधीक्षक ने बाकायदा मंत्रोच्चार के बीच प्रख्यात शिवलिंग का पूजन अर्चन किया। श्रावण मास की मान्यता अनुसार भगवान शिव का जलाभिषेक भी किया। पूजन-अर्चन के साथ पुलिस अधीक्षक ने महाहार धाम समेत जिले के तमाम शिव मंदिरों, यातायात व्यवस्था आदि पर पुलिस के बंदोबस्त का जायजा भी लिया।
राजा दशरथ ने पुत्र के लिए शिवलिंग की स्थापना की थी
महाहर धाम की मान्यता है कि इस अद्वितीय शिवलिंग की स्थापना राजा दशरथ ने पुत्र प्राप्ति के लिए किया था। यहीं वह तालाब है जहां राजा दशरथ द्वारा श्रवण कुमार को शब्दभेदी बाण लगा था। श्रवण के माता पिता ने उन्हें श्राप दिया था।
इसके बाद ब्रह्मा के आर्शीवाद से राजा दशरथ ने श्राप मुक्ति और पुत्र प्राप्ति के लिए शिवलिंग की स्थापना कर पूजन किया। फलस्वरूप राम,लक्ष्मण,भरत और शत्रुघ्न का जन्म हुआ। आज यह स्थान शिवभक्तों के लिए बेहद आस्था का केन्द्र बना हुआ है।
बाबा के दुअरिया जाने की होड़
कांवरिये पूरी रात सड़कों पर नाचते झूमते बाबा के द्वार जाने की होड़ में लगे रहे। धाम के बाहर भोले से मिलने की अपनी बारी के लिए भक्त व्याकुल रहे। जलाभिषेख के बाद ही संतुष्ट हुए। इस दौरान भक्तों में अजीब उन्माद और आस्था का माहौल बना रहा। इस अपार भीड़ और आस्था को देख बरबस ही मुख से निकल पड़ता है ‘‘जय भोले जय भंडारी, तेरी तो महिमा न्यारी’’।