देवढ़ी निवासी गणेश पाल 40 का आज बुधवार की दोपहर तिरंगे में लिपटा पार्थिव शरीर सेना के वाहन से उनके आवास पर पहुंचा। सभी परिजन रोने-बिलखने लगे, साथ ही गांव में पूरी तरह से मातम पसर गया। जवान के पार्थिव शरीर के आने की जानकारी होते ही क्षेत्र के गणमान्य लोगों का उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए तांता लग गया। मृतक की पत्नी इन्द्रावती देवी, दोनों बेटे बिट्टू, दिप्पू, बेटी नेहा का रो-रो कर बुरा हाल था।
दाहसंस्कार सैनिक सम्मान के साथ बलुआ घाट पर किया
सेना के मृत जवान का दाहस्ंस्कार सैनिक सम्मान के साथ बलुआ घाट पर किया गया। मुखाग्नि उनके पुत्र के देते ही सबकी आखें नम हो गई। जम्मू कश्मीर से जवान का पार्थिव शरीर लेकर आये 12 वीं यूनिट महार रेजिमेंट के नायब सुबेदार सुशील कुमार गौतम, 39 जीटीसी के नायब सुबेदार प्रदीप पाल, हवलादार उमेश सिंह यादव, मंजीत सिंह आदि दर्जनों जवानों ने सशस्त्र सलामी दी। इस दौरान लोगो ने जब तक सूरज चांद रहेगा गणेश पाल का नाम रहेगा।
ड्यूटी से वापस आकर बैरक में आराम करने गए थे, जहां मृत पाए गए
मालूम हो कि जवान अपने बैरक में संदिग्ध परिस्थितियों में मृत मिला। जिसके चलते सैन्य अधिकारियों में हडकंम्प मच गया था। परिजनों के अनुसार सेना ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज छानबीन में जुट गई।जवान के पार्थिव शरीर के साथ आए 12वीं यूनिट महार रेजिमेंट के नायब सूबेदार सुशील कुमार गौतम ने बताया कि जम्मू कश्मीर के नौशेरा में तैनात जवान ड्यूटी से वापस आने के बाद अपने बैरक में आराम करने चला गया जहां बिस्तर पर मृत पाया गया।
इस दौरान तहसीलदार लालजी विश्वकर्मा, विधायक प्रतिनिधि मन्नू सिंह, ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि संतोष कुशवाहा, प्रधान प्रतिनिधि संजय सिंह, पूर्व प्रधान विकास सिंह, बबलू सिंह आदि अन्य गणमान्य लोगों ने श्रद्धांजलि दी ,इस दौरान बड़ी संख्या में लोग अंतिम यात्रा में शामिल हुए