पहाड़ों में लगातार हो रही बर्षा से कई दिनो से गंगा नदी का जलस्तर बढ़ गया है। ऐसे में बाढ़ की आशंका बनी हुई है। जिससे तटवर्ती गावं के किसानों की चिंता बढ़ने लगी है। इसके साथ ही नदी से कटान की चिंता में कास्तकारों के माथे बल भी पड़ने लगा है।
हालांकि बाढ़ के मद्देनजर प्रशासन अलर्ट पर है। बाढ़ चौकियां बना दी गई हैं। जिससे गंगा के जल स्तर पर नजर रखी जा रहा है। लोगो का कहना है कि इस बार फिर बाढ़ आई तो उनकी फसल बर्बाद हो जायेगी । सबसे ज्यादा परेशानी तटवर्ती क्षेत्रों के किसानों को हैं। उनकी सब्जी की खेती डूबने से जीविका चलाना मुश्किल हो जाएगा।
इस साल बाढ़ आई तो टूट जाएगी किसानों की कमर
कुन्डेसर गांव के प्रगतिशील किसान देवेन्द्र प्रताप सिंह और अवथहीं के किसान दिवाकर राय ने कहा की पिछले साल की बाढ से किसान उबरे नहीं है कि इस साल फिर बाढ़ के हालात बनने लगे हैं। अगर बाढ़ आई तो किसानों की कमर ही टूट जाएगी।
टमाटर, मिर्च और केले की फसल पर निर्भर हैं किसान
किसान दिवाकर राय ने बताया कि पूरे इलाके में टमाटर मिर्च के अलावा केले की बडे पैमाने पर खेती की गई है।ऐसे में अगर बाढ़ आई तो केले के खेती पूरी तरह से तबाह हो जाएंगे। ऐसे में किसान मजबूरन व्यवसायिक खेती से मुंह मोड़ लेंगे।