गाजीपुर जिले के सैदपुर नगर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर बुधवार को गंभीर हालत में पहुंचे दो अलग-अलग 8 माह के बच्चों को डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। दोनों को बीते कुछ दिनों से उल्टी दस्त और बुखार की समस्या थी। जिसका इलाज गांव की चट्टी से लेकर नगर में संचालित फर्जी चिकित्सालय और फर्जी डॉक्टर करते आ रहे थे। जब बच्चों की हालत बिगड़ गई, तो उन्होंने उनके परिजनों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दिखाने के लिए भेज दिया।
सैदपुर के बहरियाबाद थाना क्षेत्र अंतर्गत रायपुर गांव निवासी चंद्रशेखर कुमार ने बताया कि मेरी 8 माह की बच्ची को बीते कुछ दिनों से पतली दस्त, उल्टी और बुखार की समस्या थी। जिसके बाद पहले तो उसे गांव पर ही एक डॉक्टर को दिखाकर दवा दिया। लेकिन जब आराम नहीं हुआ, तो तीन दिन पूर्व अपनी बच्ची को लेकर सैदपुर नगर स्थित एक चिकित्सक की डिस्पेंसरी पर पहुंचा। जहां उसका इलाज चल रहा था। बुधवार को अचानक मेरी बच्ची की हालत खराब हो गई। जिसे लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आया था। लेकिन डॉक्टर ने यहां मेरी बच्ची को मृत घोषित कर दिया।
दूसरा मामला चंदौली जनपद के धानापुर निवासी मोहम्मद मुस्ताक का है। मुस्ताक ने बताया कि उनके बच्चे को बुखार आ रहा था। पहले अपने गांव की चट्टी पर स्थित एक डॉक्टर को दिखा रहा था। सुधार नहीं होने पर 3 दिनों से सैदपुर नगर स्थित एक डिस्पेंसरी पर डॉक्टर द्वारा इलाज किया जा रहा था। जिन्होंने आज मेरे बच्चे को देखने के बाद, मुझे बच्चे को लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य जाने की सलाह दिया। यहां आकर डॉ अभय गुप्ता को दिखाया, तो उन्होंने बच्चे को मृत घोषित कर दिया।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉक्टर अभय गुप्ता ने बताया कि इन दिनों बच्चे संक्रामक बीमारियों की चपेट में आकर ज्यादा बीमार हो रहे हैं। बच्चों को गांव स्तर पर इलाज के दौरान अगर एक-दो दिन में आराम नहीं मिलता, तो उनके अभिभावकों को सीधे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आना चाहिए। ताकि समय रहते सही इलाज के माध्यम से बच्चों की जान बचाई जा सके।