बुधवार की सुबह से हो रही बरसात ने जहां एक तरफ मौसम खुशगवार कर दिया है। वहीं धान की नर्सरी लगाए हुए किसानों के लिए यह बरसात बड़ी राहत लेकर आई है। मानसून की बरसात के अभाव में किसान महंगे डीजल का प्रयोग कर डीजल पंप से धान की नर्सरी की सिंचाई करने को बाध्य हो जाते हैं।
मुहम्मदाबाद क्षेत्र के नसीरपुर कुसुम गांव के रहने वाले किसान दिनेश यादव ने बताया कि बुधवार की बरसात से उन्हें थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। पिछले दिनों उन्होंने धान की नर्सरी ट्यूबवेल से पानी चला कर लगा दिया था। लेकिन धान के नर्सरी को थोड़े-थोड़े अंतराल के बाद सिंचाई करने की आवश्यकता पड़ती है।
बरसात देख कर किसानों के चेहरे खिले
उन्हें इस बात की आशंका थी कि अगर बरसात शुरू नहीं होगी तो उन्हें फिर शायद महंगा डीजल खरीद कर निजी पम्पिंग सेट से खेतों को सींचने पर मजबूर होना पड़ेगा। इसी गांव के रहने वाले धर्मेंद्र ने बताया कि बरसात ने तपती गर्मी से राहत तो दी ही है। मौसम जहां एक तरफ खुशनुमा हुआ है।
किसान बोले- धान की सिंचाई के लिए वरदान है बरसात
वहां उन जैसे किसानों को भी इस बरसात से काफी राहत महसूस हो रही है।। धान की नर्सरी के सिंचाई के लिए यह बरसात बेहद लाभप्रद साबित होगी। बरसात के नहीं होने की सूरत में इन्हें सिंचाई के अन्य स्रोतों पर निर्भर होना पड़ता जोकि उनकी खेती के बजट में आर्थिक रूप से इजाफा कर देता।
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