वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के परीक्षा समिति की बैठक बुधवार को कुलपति सभागार में हुई। इसमें एक अनुक्रमांक की दो उत्तर पुस्तिका मिलने के मामले में छह कालेजों को तीन वर्ष के लिए परीक्षा केंद्र बनने से डिबार कर दिया है।
इसके साथ ही दो-दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। बीएड परीक्षा फार्म आवेदन की हार्ड कापी विश्वविद्यालय में जमा करने की बाध्यता को समाप्त कर दिया गया है। छात्रों की डिग्री निरस्त करने की याचना को अस्वीकार कर दिया गया। कुलपति प्रो. निर्मला एस मौर्या ने आठ मुद्दों पर विचार-विमर्श के बाद निर्णय लिया।
वर्ष 2020-21 की मुख्य परीक्षा में उत्तर पुस्तिकाओं के बंडल से एक ही अनुक्रमांक की दो-दो कापियां मिली थीं। जिसकी हैंड राइटिंग अलग थी। इसकी जांच यूएफएम समिति को सौंपी गई थी। जांच में आरोप सिद्ध होने पर मऊ के तीन, गाजीपुर के दो, आजमगढ़ के एक कालेज पर कार्रवाई की गई है। 24 विद्यार्थियों के अंकपत्र संशोधन के लिए उप समिति गठित की गई थी। छात्रहित में रिपोर्ट परीक्षा समिति को सौंपा, छात्रों की याचना को कुलपति ने अस्वीकार कर दिया है।