गाजीपुर जिलाधिकारी एमपी सिंह ने एक से 31 जुलाई तक संचारी रोग नियंत्रण अभियान तथा 16 से 31 जुलाई तक दस्तक अभियान चलाने का निर्देश दिया है। वह जिला पंचायत सभागार में बुधवार को विशेष संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान के सफल आयोजन को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे।
डीएम ने कहा कि संचारी रोगों के नियंत्रण अभियान में सभी विभागों के अधिकारी समन्वय स्थापित करते हुए अपने दायित्यों का निर्वहन करें। उन्होंने अधिकारियों से संचारी रोग नियंत्रण अभियान के लिए तैयार माइक्रोप्लान के तहत कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इस माह में बरसात होने से संचारी रोग मलेरिया, फाइलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, दिमागी बुखार आदि होने का खतरा बना रहता है। इसकी रोकथाम और नियंत्रण के लिए सभी विभागों के अधिकारी सफाई रखने और लोगों को जागरूक करने के लिए कार्य करें। उन्हें जो जिम्मेदारी दी गयी है उसका पूरी तरह से निर्वहन करें।
जिलाधिकारी ने कहा कि संचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकता वाले कार्यक्रमों में एक है। इसलिए सभी अधिकारी इसमें रुचि लेते हुए अभियान को सफल बनाएं। जिलाधिकारी ने पंचायतीराज विभाग को निर्देशित किया कि झाड़ी कटान, हैंडपंप रिपेयर, हैंडपंप प्लेटफार्म रिपेयर, एंटिलार्वा/फॉगिंग कार्यवाही, ग्रामीण क्षेत्रों में नालियों की सफाई का कार्य प्रमुखता से और प्रभावी ढंग से कराया जाए। इसमे ग्राम प्रधानों का सहयोग लिया जाए।
इसी प्रकार अन्य सहयोगी विभागों तथा नगर पालिका द्वारा वार्डों में फागिंग लार्वा साइडल छिड़काव व कूड़ा उठान, नाला नालियों की सफाई कराई जाएगी। कृषि एवं सिंचाई विभाग द्वारा जमे हुए पानी में मच्छरों के प्रजनन को रोकना तथा सिंचाई के वैकल्पिक उपायों पर अपनी तकनीकी सलाह का निर्देश देते हुए स्कूलों में बच्चों को सफाई के प्रति जागरुकता एवं प्रतियोगिता कराने को कहा। उन्होंने मलिन बस्तियों में नियमित सफाई, फागिंग, सॉलिड वेस्ट प्रबंधन, शुद्ध पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के भी आदेश दिए।
दस्तक अभियान में मेडिकल टीमें घर-घर संक्रामक रोगों से ग्रस्त रोगियों की पहचान करेंगी। टीम रोगियों को चिह्नित कर उन्हें दवा देगी और जरूरी होने पर अस्पताल में भर्ती भी कराएगी। अभियान मे कुपोषित बच्चों की जानकारी भी जुटाई जाएगी। दस्तक अभियान के तहत टीबी के लक्षण वाले मरीजों को खोजकर उनकी जांच कराई जाएगी। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी श्रीप्रकाश गुप्ता, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा. डीपी सिन्हा, केके वर्मा, जिला मलेरिया अधिकारी एवं सभी संबंधित विभाग के अधिकारी रहे।