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गर्मी से जिला अस्पताल में चर्म रोग के मरीजों की बढ़ी संख्या

गाजीपुर में तापमान के साथ बढ़ी उमस के चर्म रोगियों की संख्या में इजाफा हो गया है। जिला अस्पताल में चर्म रोग से ग्रसित मरीजों की संख्या बढ़ गयी है। ओपीडी में त्वचा संबंधित समस्याएं लेकर प्रतिदिन मरीजों की भीड़ जुट रही है। चिकित्सक का कहना है कि गर्मी बढ़ने के साथ ही मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। प्रतिदिन 700-800 मरीज ओपीडी में आ रहे हैं, जिसमें से 100-120 मरीजों में फंगल इंफेक्शन की शिकायत मिल रही है।

जून में चिलचिलाती गर्मी में त्वचा के मरीजों की तादाद बढ़ गई है। बच्चों से लेकर बड़ों तक को बाहर निकलना ही पड़ता है। धूप के कारण त्वचा संबंधी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। चर्म रोग विशेषज्ञ डा. केके भाष्कर ने बताया कि गर्मी के मौसम में त्वचा संबंधी समस्याएं बढ़ जाती हैं। इन दिनों तेज धूप और पसीने के कारण सनबर्न, एक्ने, इन्फेक्शन आदि का खतरा बढ़ जाता है। गर्मी में तापमान बढ़ने के कारण बाहर निकलने पर पसीने की चिपचिपाहट, एलर्जी और धूप के कारण सनबर्न की समस्या, दानें, मुहांसे आदि हो सकते हैं। इस समय सबसे ज्यादा सनबर्न, स्किन एलर्जी और दाने के मरीज आ रहे हैं।  

तेज धूप में रहने के कारण त्वचा झुलस जाती है। वर्तमान समय में दाद, खाज, खुजली, त्वचा पर एलर्जी के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। चर्म रोग से बचाव के लिए खुद को बचाव करने की जरूरत होती है। उन्होने कहा कि तापमान में जैसे-जैसे बढ़ोतरी होगी, वैसे ही गर्मी में एलर्जी होने से चेहरा लाल हो जाता है। इसके अलावा शरीर पर लाल रंग के दाने निकल आते हैं। उन्होने बताया कि सूर्य के प्रकाश में समाहित अल्ट्रा वॉयलेट किरणें हमारी त्वचा को नुकसान पहुंचाती हैं। 

इसका प्रभाव गर्मी में काफी ज्यादा बढ़ जाती है। दिन के 12 से तीन बजे ये किरणें ज्यादा घातक हो जाती है। शरीर में पसीना होने के बाद जमकर सूख जाते है। इससे वहां पर फंगल हो जाते है। जिससे खुजली होती है। खुजली होने के दौरान संक्रमण ज्यादा होने लगता है। जिसके बाद में दर्द और जलन भी होने लगती है। इनसे बचाव के लिए सबसे जरूरी है कि शरीर पर होने वाले पसीने को सूखने नहीं देना चाहिए। चिकित्सकों के अनुसार शरीर में जहां-जहां पसीना सूखता है, वहां पर चर्म रोग के कीटाणु तेजी से पैदा होते है। इससे बचाव के लिए सावधानी बरतनी चाहिए। 

फंगल व चर्म रोग से बचाव के लिए करें उपाय

चिकित्सकों के अनुसार फंगल व चर्म रोग से बचाव के लिए सावधानी बरते। प्रतिदिन ताजे और ठंडे पानी से नहाएं। एंटीसेप्टिक की दो बूंद नहाने के पानी में डालें। एंटी बैक्टीरियल साबुन का प्रयोग त्वचा के लिए करें। बिना चिकित्सकों के परामर्श से दवाओं का प्रयोग नहीं करना चाहिए। पहले से संक्रमण होने पर पहने गए कपड़ों को गर्म पानी में उबालकर धोएं और धूप में अच्छे से सुखाएं। इंफेक्शन से ग्रसित मरीजों के कपड़ों को अन्य परिजनों के कपड़ों से दूर रखना चाहिए। गर्मी के मौसम में हल्के रंग के सूती और ढ़ीले रंग के कपड़े पहनना चाहिए। पानी ज्यादा पीना चाहिए। मीठा, लाल मिर्च और तेज मसालेदार खाना खाने से बचना चाहिए। चर्म रोग से बचाव के लिए सावधानी बरतना चाहिए। 

दोपहर में बाहर निकलने से करें परहेज

अस्पताल में प्रतिदिन सौ से अधिक मरीज चर्म रोग से पीड़ित पहुंच रहे है। उमस भरी गर्मी से बचाव के लिए खुद का ध्यान रखना चाहिए। दोपहर 12 से तीन बजे तक घर से बाहर से निकलने से बचना चाहिए। गर्म हवाओं से बचना चाहिए। चर्म रोग के लक्षण मिलने पर तत्काल चिकित्सक से सलाह लेकर दवा लेना चाहिए।

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