गाजीपुर पीडब्ल्यूडी की ओर से गंगा नदी पर बनाकर तैयार किया जाने वाले तीन अस्थाई पीपा पुल अब हटाया जाएगा। 15 जून तक निर्धारित अवधि तक रहने वाले इन पुलों को हटाने की कवायद शुरू हो गई है। चोचकपुर करंडा, बारा और बच्छलपुर-रामपुर घाट पर बने पीपापुल अब उखड़ने शुरू हो गए हैं।
इसलिए अब लोगों को 70 से 80 किमी का सफर घूमकर तय करना पड़ेगा। इसके अलावा करंडा पर बनाया गया पीपा पुल भी हटाकर गंगा के दायरे से बाहर रखा जाएगा। बाढ़ के दौरान या पानी बढ़ने के दौरान पुल से आवागमन जानलेवा होता है, जिसके चलते दोनों पीपापुलों को अब वर्षा शुरू होने की संभावना को लेकर खोलने की तैयारी होने लगी है। विभागीय अधिकारियों ने बाहर से स्लीपर मंगाने की दलील देकर पूरा सीजन बीता दिया। चार पहिया वाहन चालक किसी तरह बचते रहे।
पीपापुलों से आवागमन का सीजन पूरा हो गया और अवधि के बाद गाजीपुर में तीन पीपा पुलों को हटाया जाएगा। बरसात की दस्तक के साथ गंगा घाटों पर बने पीपा पुलों से गुरुवार को आवागमन बंद हो गया। पीपापुल को 15 अक्टूबर से चालू करना व 15 जून से बंद करना होता है।
16 जून से आवागमन को इंजन चालित नाव व स्टीमर से लोग उस पार आ जा सकेंगे। बारिश का मौसम देखते हुए जिला प्रशासन ने 15 जून तक पुल बंद करने का निर्देश दिया गया था। इसके संपर्क मार्ग पर बिछाई गई चकर प्लेट खोलने का काम गंगा दशहरा से शुरू हो गया था, तब से चार पहिया वाहनों का आवागमन बंद था।
घाटों पर बने पीपा पुलों से गंगा दशहरा के बाद से आवागमन बंद हो जाता है, वाहनों का आवागमन बंद करने के बाद 15 जून से पीपा पुल को पूरी तरह हटाया जाने लगता है। अब लोग नाव से उस पार जा सकेंगे। सेवराई तहसील व बिहार के दर्जनों गांवों से पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे, मुहम्मदाबाद व बलिया जनपद जाने के लिए बीते जनवरी में बारा गंगा घाट पर पीपापुल का निर्माण हुआ था, ताकि लोगों को गंगा पार करने में सुविधा हो सके। इधर, पीडब्ल्यूडी के जेई अमित यादव ने बताया कि लगभग चार माह तक आवागमन बंद रहेगा। नाव या स्टीमर लगाने का कोई प्रवधान नहीं है।