केंद्र की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली सरकार ने महात्मा बुद्ध के महाप्रसाद कालानमक धान एक जिला एक उत्पाद योजना में शामिल कर जहां प्रोत्साहन प्रदान किया। गुरुवार को सिद्धार्थनगर में 6.50 करोड़ की लागत से निर्मित कालानमक धान के लिए बनाए गए कामन फेसिलिटी सेन्टर का वर्चुअल लोकार्पण करेंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार को लखनऊ से 12 बजे रिमोट कंट्रोल से आनलाइन माध्यम से लोकार्पण करेंगे। उसके बाद समारोह को संबोधित करेंगे। अपर मुख्य सचिव सुक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम नवनीत सहगल भी संबोधित करेंगे। इस कार्यक्रम में सिद्धार्थनगर के सभी जनप्रतिनिधि, प्रशासनिक अधिकारी एवं अध्यक्ष एवं निदेशक सीएफसी कृषि वैज्ञानिक डॉ रामचेत चौधरी भी संबोधित करेंगे। यह केंद्र कालानमक धान की उपज को अच्छी कीमत पर खरीद कर किसानों की आमदनी बढ़ाने में मदद करेगा।
02 एकड़ में 6.50 करोड़ की लागत से निर्मित है सीएफसी
लगभग 6.50 करोड़ की लागत से बना यह कामन फेसिलिटी सेन्टर केवल कालानमक धान का उत्पादन करा कर इसका गुणवत्ता पूर्ण चावल तैयार करेगा। इसकी ब्रान्डिंग और पैकेजिंग करके स्थानीय बाजार और निर्यात किया जायेगा। 02 एकड़ क्षेत्रफल में फैले इस सीएफसी में धान का भण्डारण, कुटाई, छटाई करके चावल को शीतग्रह में रखने की व्यवस्था है। विश्व स्तर की मशीनों से कालानमक चावल की उत्तम गुणवत्ता वाला चावल तैयार किया जाएगा। राप्ती नदी के किनारे बसे मडुआपुर ग्राम और उससे जुड़े हुए बांसी क्षेत्र के किसानों के लिए यह कॉमन फेसिलिटी सेंटर वरदान सिद्ध होगा।
55 हजार हेक्टेयर में हो रही कालानमक खेती
सिद्धार्थनगर, महराजगंज, गोरखपुर समेत कालानमक की जीआई वाले सभी 09 जिलों के जनप्रतिनिधि एवं किसान उत्साहित हैं क्योंकि इस पिछड़े क्षेत्र का कालानमक कायाकल्प करेगा। किसानों की आय तिगुनी होगी। फिलहाल कालानमक धान का मौजूदा उत्पाद 55 हजार हेक्टेयर में किया जा रहा है।
और कालानमक चावल प्रमोशन बोर्ड का प्रस्ताव तैयार
उधर 15 जून को सिद्धार्थनगर में हुई बैठक में कालानमक चावल प्रमोशन बोर्ड गठित करने के लिए प्रस्ताव तैयार करने का निर्णय लिया गया था। नए युग में कालानमक धान के जनक वैज्ञानिक डॉ रामचेत चौधरी और अन्य ने मिल कर बोर्ड का प्रस्ताव तैयार कर लिया है। गुरुवार खाद्य आयुक्त की अनुपस्थिति में प्रस्ताव की प्रति मण्डलायुक्त रवि कुमार एनजी को सौंपी गई। एनेक्सी भवन समागार में आयोजित खरीफ गोष्ठी में इस प्रस्ताव को पीआरडीएफ के डॉ रामचेत चौधरी, सीएफसी सिद्धार्थनगर के निदेशक अभिषेक सिंह एवं एफपीओ सिद्धार्थनगर श्रीधर पाण्डेय ने सौंपा। इसकी एक प्रति डीएम सिद्धार्थनगर को भी भेजी गई है।
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