आपके स्टोर रूम, घर की छत या बारजे पर रख कबाड़ की कीमत कम नहीं है बल्कि अभी इसके दाम बढ़े हुए हैं। बाजार में सही सामान ही नहीं कबाड़ का दाम भी खूब उछाल पर है। केवल शहर ही नहीं देहात क्षेत्रों में भी कबाड़ की कीमत पहले से ऊपर जा चुकी हैं। सही मायनों में कहें तो महंगाई के चलते कबाड़ के दाम में इजाफा हुआ है।
कबाड़ के दाम भी सोना उगल रहा है। बढ़ रहीं महंगाई ने कबाड़ को भी मूल्यवान बना दिया है। कागज व लोहें के खराब समान के बढ़ते दाम के चलते अब लोग भी इन समानों का वास्तविक मूल्य की जानकारी हासिल करने के बाद हीं बेच रहे है। करीब एक साल के अंदर कबाड़ के दामों में सबसे अधिक बढ़ोत्तरी हुई है। वर्तमान समय में लोहे का कबाड 36 रूपया व अखबार के रद्दी 22 रूपया किलों तक बिक रहा है। कबाड़ के दाम बढ़ने से खानपान वाले दुकानों को परेशानी होने लगी है।
करीब एक वर्ष पूर्व लोहे का कबाड़ 22 से 25 से रूपया किलो व अखबार का रद्दी 10 से 12 रूपया किलों तक बिक रहा था। लेकिन इस समय दामों में दोगुना की वृद्वि हुई है। लंका बस स्टैंड पर स्थित कबाड़ी के थोक दुकानदार दिनेश कुमार ने बताया कि स्क्रैप के किमत में बढ़ोत्तरी हो रही है। रद्दी अखबार, लोहा, शीशा, कोल्ड ड्रिंक व पानी के बोतल सहित सभी कबाड़ के समान के दाम बढ़े है। बीते तीन महिना से कबाड़ के दामों में और से तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है। लोग भी अब कबाड़ के समान बेचने के दौरान पूरी जानकारी जुटा रहे है। एक-एक अखबार के रद्दी को जोड़ घटाकर बेच रहे है। घर-घर जाकर रद्दी समान खरीदने वाले व्यवसायी पांच रूपया तक मार्जिन रखते है।