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रूट को बदलने की तैयारी शुरू, बाउंड्री बनाने के लिए रेलवे खर्च कर रहा 345 करोड़ रुपये

अब भविष्य में भारतीय रेलवे के दिल्ली-हावड़ा मेन रेल लाइन के डीडीयू-पटना रेलखंड पर देश की पहली सेमी हाई स्पीड ट्रेन 'वंदे भारत एक्सप्रेस' दौडे़गी। इसके लिए पूर्व मध्य रेलवे, पटना रूट पर संचालन की तैयारी में तेजी से जुट गया है। रेलवे ट्रैक को हाई स्पीड ट्रेनों के परिचालन के लिए तैयार किया जा रहा है।

पंडित दीनदयाल उपाध्याय से पटना, मोकामा होते हुए झाझा तक का रेलवे ट्रैक घनी आबादी वाले इलाके से होकर गुजरता है। इस वजह से रेलवे ट्रैक पर अमूमन आम लोग या मवेशी ट्रेन की चपेट में आ जाते हैं। पटना से झाझा तक पटरियों को अपग्रेड किया जा रहा है। वहीं दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन से झाझा स्टेशन तक रेल पटरी के दोनों ओर कंक्रीट की छह फीट ऊंची दीवार बनाने की तैयारी है।

इस रेलखंड पर रेलवे अधिक मजबूत हाई क्वॉलिटी का स्लीपर लगा रहा है। इससे ट्रैक अत्यधिक लोड झेलने में सक्षम हो सकेगा। ट्रैक के दोनों ओर बाउंड्री बनाने के लिए रेलवे 345 करोड़ रुपये खर्च कर रहा है। इसके लिए पीडीडीयू दानापुर रेलखंड के विभिन्न रेलवे स्टेशनों के पास रेलवे ट्रैक बदलने का कार्य जोर-शोर से किया जा रहा है।

बीते दिनों अधिकारियों के द्वारा मेगा ब्लॉक के तहत दिलदारनगर गहमर बारा रेलवे स्टेशनों के बीच ट्रैक बदलने का कार्य किया गया था। पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन से झाझा तक रेलवे ट्रैक पर ट्रेनों का अधिकतम स्पीड 130 किलोमीटर प्रति घंटा है। कोविड से पहले ट्रेन के अधिकतम चलने की रफ्तार 110 किलोमीटर प्रति घंटे की थी।

ट्रैक और पुलियाओं को चुस्त-दुरुस्त करने के बाद रफ्तार में भी वृद्धि हुई है, लेकिन वंदे भारत एक्सप्रेस 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ती है। इसको लेकर ट्रैक को एक बार फिर से अपग्रेड किया जा रहा है। रेल बजट में वंदे भारत एक्सप्रेस चलाने की घोषणा हुई है।

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