गाजीपुर रोडवेज बसों की दुर्दशा बरकरार है। यात्री जर्जर व कटी-फटी सीटों पर लंबी दूरी की यात्रा करने को विवश हैं। इसे लेकर यात्रियों में खासी नाराजगी बनी रहती है। उनका कहना रहता है कि किराया तो पूरा लिया जाता है, लेकिन सुविधा के नाम पर शून्य रहता है। लंबी दूरी की बसों का यह हाल काफी चिंतनीय है। रोडवेज में खड़ी अधिकांश बसों की हालत यही है।
शुक्रवार को वाराणसी के लिए जा रही बस में अधिकांश सीटों के कवर फटे व छेद बने थे। कुछ का ऊपरी हिस्सा रगड़ खाकर फट गया था। चालक के बगल की फर्श तक उखड़ी थी। ऊपर के लाइट भी गायब थे। इसमें बैठे यात्रियों ने बताया कि हम लोगों से रोडवेज किराया तो पूरा वसूल करता है, लेकिन सुविधा के नाम पर कुछ नहीं देता। यहां तक कि आराम दायक सीट भी नहीं मिजती है, ताकि आराम से बैठकर लंबी दूरी की सफर तय कर सकें। गन्तव्य तक पहुंचते-पहुंचते पूरा शरीर अकड़ जाता है।
इस बारे में बस चालक व परिचाक से पूछने पर बताया कि हम लोग क्या कर सकते हैं। जो बसें हमें मिलती हैं, उसे ले जाते हैं। मेंटनेंस का कार्य ऊपर के अधिकारियों के हाथ में होता है। यात्रियों की शिकायत को हम लोग ऊपर के अधिकारी को बता देते हैं। हम लोगों को चलने योग बस को ठीक कर दे दिया जाता है। इस रोडवेज में 75 बसें उपलब्ध हैं। इनमें से अधिकांश बसों की दशा लगभग ऐसी ही है। इस बारे में संचालन प्रभारी अरविंद सिंह ने बताया कि यात्रियों की शिकायत को ध्यान दिया जा रहा है। ऐसी बसों को जल्द ठीक कराया जायेगा। नई बसें अभी नहीं मिली हैं, इसके आने पर यात्रियों की ऐसी शिकायतें दूर होंगी।