सब्जियों के दामों में हो रहीं लगातार बढ़ोत्तरी ने महिलाओं की रसोई का बजट बिगाड़ दिया है। एक तरफ जहां महिलाएं रसोई गैस की बढ़ी कीमतों से परेशान हैं, वहीं दूसरी तरफ हरी सब्जियों की बढ़ती कीमतों के चलते थाली से हरी सब्जियां गायब होती जा रही हैं। दो सप्ताह पहले 50 रुपये बिकने वाली भिंडी का दाम बढ़कर 80 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है। वहीं परवल 70 रूपया से बढ़कर 80 रूपया किलो बिकने लगा है। बढ़ती महंगाई की मार से मध्यम व गरीब वर्ग परेशान हो गया है।
महंगाई के कारण गरीब व मध्यम वर्ग के लोगों के रसोई से सब्जियां गायब होती जा रही है। सब्जियों के दामों में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। इसको लेकर लोग चिंतित हैं। आलू , टमाटर प्याज, गोभी, कद्दू, लौकी, हरी मिर्च आदि का दाम लगातार बढ़ रहा है। एक महीने पहले की बात करें तो प्याज 30 रुपये किलो थी। अब 40 से 45 रुपये किलो बिक रही है। टमाटर के दाम आसमान छू रहे हैं। पहले 25 से 30 रुपये किलो बिकने वाला टमाटर अब 40- 45 रुपये किलो तक पहुंच गया है। अन्य सब्जियों ने भी गृहणियों की रसोई का बजट बिगाड़ दिया है।
इसको लेकर मध्यम वर्ग की महिलाएं चितित है। चार पांच सदस्यों वाले परिवार में 400 रुपये की सब्जी खरीदने से सप्ताह भर चलना मुश्किल हो रहा है। गोराबाजार सब्जी मंडी के सब्जी विक्रेता गुड्डू, रामप्रसाद, नसीम आदि ने बताया कि पिछले करीब पंद्रह दिन माह से लगातार सब्जियों के दाम में उछाल हो रहा है। हर सब्जियों के दाम 10-25 रुपये प्रति किलो तक बढ़ गए है। जो लोग ज्यादा सब्जी लेते थे अब उन्होंने कटौती करना शुरू कर दिया है।
सब्जियों के बढ़े दाम
भिंडी 50 से 65, गाजर 25 से 40, परवल 60 से 80, खीरा 20 से 30, करेला 35 से 60, नेनुआ 35 से 50, लौकी 20 से 30, बोड़ा 60 से 80 रूपया, बैगन 20 से 30 रूपया किलों बिक रहा है। सब्जियों के दाम गृहणियों के किचन का बजट बिगड़ गया है।