गुर्दा रोग से पीड़ित मरीजों को अब गैर जनपदों और प्रांतों में स्थित अस्पतालों का सहारा नहीं लेना पड़ेगा। जल्द ही जिला अस्पताल डायलिसिस सुविधा से लैस होगा। छह बेड की सुविधा युक्त इस यूनिट के स्थापित कराने की हरी झंडी शासन की ओर से मिल गई है। मशीन स्थापित कराने और संचालन को लेकर एजेंसी भी नामित कर दी गई है। एक सप्ताह के अंदर आपातकक्ष के ऊपर तीसरे तल पर कक्ष निर्माण का कार्य शुरू होगा।
किडनी संबंधित मरीजों को बेहतर उपचार की सुविधा सरकारी अस्पतालों में न होने से उन्हें निजी अस्पतालों की शरण लेनी पड़ती थी। खासकर डायलिसिस सुविधा के लिए मऊ और वाराणसी स्थित निजी अस्पतालों में जाना पड़ता है। ऐसे में मरीजों की आर्थिक बोझ का दंश सहना पड़ता है। मरीजों को हो रही दिक्कत को देखते हुए शासन की ओर से करीब दो वर्ष ही डायलिसिस यूनिट जिला अस्पताल में स्थापित कराने को लेकर कवायद शुरू की गई थी, लेकिन कोरोना संकट का ऐसा दौर आया कि इस यूनिट के स्थापित होने पर रोक लग गई थी।
अब जबकि कोरोना संक्रमण की विषम परिस्थितियों का काला बादल छंटने के बाद शासन की ओर से डायलिसिस यूनिट स्थापित कराने के लिए कवायद तेज कर दी गई है, जिससे मरीजों को बेहतर सुविधा उनको अपने जनपद के सरकारी अस्पताल में नि:शुल्क रूप में मिल सके। इस संबंध में जिला अस्पताल के सीएमएस डा. राजेश सिंह ने बताया कि डायलिसिस यूनिट स्थापित कराने के लिए शासन द्वारा एजेंसी नामित हो चुकी है। आपातकक्ष के तीसरे तल पर यूनिट स्थापित होगा। एक सप्ताह के अंदर एजेंसी द्वारा कार्य शुरू हो जाएगा। डायलिसिस की सुविधा जिला अस्पताल में मिलने से यहां के मरीजों को अब गैर जनपदों एवं प्रांतों में भटकना नहीं पड़ेगा।