गाजीपुर जनपद में चिलचिलातीधूप ने लोगों को एक बार फिर बीमारियों की चपेट में ले दिया है। जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में डिहाईड्रेशन से परेशान मरीजों की भीड़ लग रही है। दिन के दो बजे के बाद ओपीडी की सुविधा नहीं मिलने के बाद मरीज इमरजेंसी वार्ड में पहुंच रहे है।
हर रोज 30 से 40 मरीज डिहाईड्रेशन या टाईफाइड की समस्या को लेकर चिकित्सकों से उपचार करा रहे हैं। यह हाल तो सरकारी अस्पताल का है अगर प्राइवेट अस्पतालों पर नजर डालें तो यह आंकड़ों सैकड़ाभर से भी कई गुना अधिक निकलेगा। दरअसल गर्मियों में अक्सर डिहाईड्रेशन की समस्या हर बार सामने आती है। मरीजों का ग्राफ भी बढ़ता है, मगर जागरूकता के अभाव में लोग सावधानी नहीं बरतते।
जिला अस्पताल में तैनात चिकित्सकों के अनुसार डिहाइड्रेशन में शरीर में पर्याप्त पानी और अन्य तरल पदार्थ की कमी हो जाती है। डिहाईड्रेशन की समस्या तरल पदार्थों की मात्रा कम लेने से होती है। इसके साथ-साथ डिहाईड्रेशन गर्मी में गंदे पानी, दूषित खाद्य पदार्थों में वैक्टीरिया के पनपने से होता है। बाहर का खुला हुआ खाना खाने के बाद अक्सर लोगों को डिहाईड्रेशन की समस्या हो जाती है। चिकित्सक डिहाईड्रेशन से बचाव के लिए सावधानी बरतने का सुझाव दे रहे है। डिहाइड्रेशन की समस्या बढ़ने पर चक्कर आने की समस्या और रक्त की मात्रा कम होने के कारण स्किन ड्राई होने लगती है। वह यह भी कहते हैं कि नमी के कारण त्वचा के शुष्क होने से त्वचा लाल हो जाती है।
डायरिया टाईफाइड सहित डिहाईड्रेशन के मरीजों की संख्या बढ़ गयी है। इससे बचाव के लिए खाद्य सामग्रियों से दूरी हीं रहना चाहिए। इसकी समस्या होने पर चिकित्सकों से परामर्श लेकर हीं दवाएं ले। अधिक से अधिक पानी पीएं ताकि पानी की शरीर में कमी रहे। वहीं निबू पानी सेवन करें।