सैदपुर-सादात मार्ग पर शिशुआपार गांव के पास कार को ओवरटेक करने के दौरान सामने से आ रहे ट्रक की टक्कर से बाइक सवार दंपती की मौत हो गई। हादसे के बाद सड़क किनारे अनियंत्रित हुए ट्रक को छोड़कर चालक मौके से फरार हो गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने दोनों शवों को हटवाकर जाम खुलवाया। दंपती की मौत के बाद उनके तीनों छोटे बच्चे अनाथ हो गए हैं।
सवास गांव निवासी सुनील गोंड (35) मुंबई में फूल बेचता था। उसे अपने साढ़ू और तीन अन्य लोगों के साथ शुक्रवार की रात में औडि़हार रेलवे स्टेशन से मुंबई के लिए ट्रेन पकड़नी थी। इस बीच उसकी पत्नी सुनीता (32) को घरेलू कामकाज के दौरान चोट लग गई, जिसे दवा दिलवाने के लिए वह शुक्रवार को दोपहर में बाइक से सादात आ रहा था। शिशुआपार गांव के समीप वह कार को ओवरटेक कर रहा था। तभी सामने से आ रहे ट्रक ने बाइक में टक्कर मार दी।
मौके पर ही पति-पत्नी की मौत हो गई। दुर्घटना होते ही मौके पर मौजूद लोगों ने शोर मचाया और पुलिस को सूचना दी। दुर्घटना से दोनों तरफ जाम लग गया। लगभग दस मिनट के अंदर पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने दोनों लाशों को हटा कर जाम खुलवा दिया। इधर हादसे की जानकारी होने पर स्वजन में कोहराम मच गया। वह दो भाइयों और दो बहनों रीता व निशा में सबसे बड़ा था। उसके दो पुत्र सूरज (10), शनि (8) व पुत्री शिवानी (6) हैं। मां फेकनी देवी और बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल था। पत्नी को दवा दिलाने की जल्दी में नहीं लगाया हेलमेट
पत्नी को दवा दिलवाने के लिए सुनील अपने साढू़ विनोद की बाइक लेकर जा रहा था। जल्दीबाजी में वह हेलमेट लगाना भूल गया। प्रत्यशदर्शियों का कहना था कि हेलमेट लगाया होता तो शायद जान बच सकती थी। मुंबई जाने से पहले मौत ने मार दिया झपट्टा
शुक्रवार की रात्रि में सुनील गोंड़ को अपने साढ़ू विनोद गोंड़ निवासी नगवां माहपुर के साथ मुंबई जाना था। औड़िहार रेलवे स्टेशन से साढ़ू के चार अन्य सहयोगियों के साथ उसका टिकट था। लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था। जो भी सुना कि उसे कुछ ही घंटे बाद मुंबई के लिए ट्रेन पकड़नी थी और यह हादसा हो गया तो हर कोई के जुबान से सिर्फ यही निकलता था कि यह विधि का विधान है।
ई दुपहरिया में हम ना तू मरत हउआ बेटा
दरअसल, सुनील बाइक से पत्नी को लेकर जा रहा था तो रास्ते में सामान लेकर जा रहे सरदरपुर निवासी ट्राली चालक पारस से मजाक किया कि इतना बोझ लाद के 'ई दुपहरिया में तू का मरत हउआ'। इस पर पारस ने भी तुरंत सुनील से मजाक में कहा कि ई दोपहरिया में हम ना तू मरत हउआ बेटा। वयोवृद्ध टाली चालक पारस के मुंह से निकली यह बात कुछ ही क्षण मे सच साबित हो गई। पिता और चचेरी बहन की भी ट्रक से कुचलकर हुई थी मौत
सुनील के पिता बेचनू गोंड का 25 साल पहले मुंबई में ट्रक से एक्सीडेंट में मौत हुई थी। पांच साल पहले मुबंई में ही चचेरी बहन का भी ट्रक से दुर्घटना में जान चली गई थी। उधर, सुनील की दादी का पिछले माह स्वाभाविक निधन हो गया था। अब एक माह के अंदर परिवार में तीसरी मौत हो गई।