गाजीपुर के जमानियां क्षेत्र में बाल विकास विभाग की सुस्ती के चलते स्थानीय विकास खंड के युवराजपुर गांव के आंगनबाड़ी केंद्र पर शुक्रवार की सुबह आठ बजकर बीस मिनट पर ताला लटक रहा था। ग्रामीणों का कहना है कि गिने-चुने केंद्रों पर मुट्ठीभर बच्चों को बैठाकर केंद्र के संचालन की औपचारिकता जरूर निभाई जा रही।
ब्लाक अन्तर्गत कुल 203 केन्द्र है। जिनमें 22 हजार के आसपास नौनिहाल पंजीकृत है , विभाग के 31 केन्द्र खुद के भवन में है, 119 प्राथमिक, 12 माध्यमिक , 17 पंचायत भवन, जबकि 24 किराए के मकान में संचालित हो रहे है। ब्लाक वर्तमान समय में 62 कुपोषित, 35 अतिकुपोषित, जबकि 3756 सामान्य है।
केंद्रों पर गर्भवती धात्री किशोरी व नौनिहालों की सेहत सुधारने के लिए दिया जाने वाला पोषाहार इन्हें न मिलकर पशुओं का आहार बन गया है। क्षेत्र के सोनवल,युवराजपुर,मिर्जापुर, पटकनियां में आज शुक्रवार की सुबह आठ बजकर बीस मिनट पर ताला लटका मिला जो नजीर है।
शासन ने आंगनबाड़ी केंद्रों की दशा सुधारने को लेकर भले ही निर्देश जारी किया है लेकिन, विभागीय कर्मचारी अपनी सुविधा के अनुरूप ही काम करते है। कभी कभार विभाग ने लापरवाही पकड़ में आने पर कई आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का वेतन रोकने की खानापूर्ती की ,लेकिन इसके बाद भी उनकी कार्यप्रणाली में सुधार नहीं हो पा रहा।
तहसील मुख्यालय के निकटवर्ती गांव का आंगनबाड़ी केंद्र अक्सर बंद रहता है। इससे ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं की न तो जानकारी मिल पाती है। गांव के लोगों का आरोप है कि केंद्र अक्सर बंद रहता है। शिकायत के बावजूद जिम्मेदार अधिकारी जांच कर लापरवाह कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।
बताया केंद्र बंद होने से बच्चों को निराश होकर घर वापस लौटना पड़ता है। कर्मचारी केंद्र पर कभी समय से नहीं आते हैं। सीडीपीओ अखिलेश कुमार ने बताया कि केन्द्र बन्द होना गम्भीर विषय है। मामलें की छानबीन कर सम्बन्धित के खिलाफ विभागीय कार्यवाई की जायेगी।