आमतौर पर लोग अपने पूर्वजों की स्मृति में धार्मिक स्थलों पर दान करते है, वहीं कुछ लोग गरीबों और वृद्धों के लिए भंडारे का आयोजन करते हैं, लेकिन शेरपुर गांव के मूल निवासी और सामाजिक उद्यमी संजय शेरपुरिया ने अपने स्वर्गीय पिता की याद में लीक से अलग हट कर कुछ करने का संकल्प लिया। संजय ने अपने स्वर्गीय पिता बालेश्वर राय की याद में शेरपुर मुख्य मार्ग से शहीद पार्क तक लगभग एक किलोमीटर की सड़क (पिच रोड) बनवाने का इरादा बनाया। सड़क बेहद खराब होने से राहगीरों को आवागमन में बेहद परेशानियों का सामना करना पड़ता था।
संजय ने यह काम बिना जनसहयोग,बिना किसी सरकारी अनुदान के अपने बल पर करने का संकल्प लिया। संजय ने खुद के लाखों रुपए खर्च करके सड़क को बनवा डाला। पिता की याद में संजय की इस पहल को लोग सामाजिक सरोकार से जुड़ा आदर्श कार्य बता रहे हैं। इस सड़क का उद्घाटन 31 मार्च को संजय के पिता की स्मृति में आयोजित श्रद्धांजलि सभा और भंडारे के साथ किया जाएगा।
इस सड़क का नाम बालेश्वर राय मार्ग के नाम से करने प्रस्ताव भी हैं। स्व. बालेश्वर राय देश के प्रसिद्ध स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व. देवनारायण राय के ज्येष्ठ पुत्र थे, जिनका निधन दिल्ली के एम्स अस्पताल में बीमारी के दौरान हृदय गति रुकने के चलते 18 मार्च को होली के दिन हो गया। इसके बाद बालेश्वर राय का पार्थिव शरीर को 19 मार्च के दिन सनातनी परम्परा के अनुसार पैतृक गाव शेरपुर के गंगा घाट पर दाह संस्कार किया गया।
शेरपुरिया ने बताया कि 31 मार्च को नया भारत का उत्तर प्रदेश कैसा हो विषय पर बौद्धिक गोष्ठी और विशाल महा-भंडारे का आयोजन किया गया है, जिसमें प्रबुद्ध जन,पत्रकार जगत की प्रमुख हस्तियां,उद्योग जगत,राजनेता,प्रख्यात समाजसेवी, आध्यात्मिक गुरु जन, खेल जगत की हस्तियां व पूरे शंकरवार, किनवार, दोनवार सहित अन्य समाज के लोग , ग्राम सभा के हर वर्ग, रिश्तेदार, मित्रगण, शुभचिंतको सहित अन्य गणमान्यो को आमंत्रित किया गया है।इसमें लगभग पचास हजार लोग शिरकत करने की उम्मीद है।