पिछले चार-पांच दिनों से लोग भीषण गर्मी के प्रकोप से परेशान हैं। हाल यह है कि मार्च महीने में ही जून जैसी भीषण गर्मी का एहसास होने लगा है। सुबह होने के साथ निकल रही तीखी धूप के बीच लोगों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है।
मंगलवार को अधिकतम तापमान 42 डिग्री और न्यूनतम 23 डिग्री रिकार्ड किया गया। भीषण गर्मी के साथ ही लोगों के रहन सहन में भी बदलाव आ गया है। बाजार में ठंडी तासीर के खाद्य पदार्थों के साथ शीतल पेय की भी मांग बढ़ गई है। बाजार में नींबू पानी, सॉफ्ट ड्रिंक, जूस, गन्ने का रस सहित तमाम पदार्थों की मांग बढ़ गई है।
इसके अलावा अप्रैल के मध्य शुरू होने वाली बर्फ फैक्ट्रियों में भी बर्फ की सिल्ली की मांग पांच गुणा बढ़ गई है। इसी के साथ इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकानों पर लोगों को पंखे, कूलर व एसी खरीदते देखा जा सकता है। ऐसे में इन सामानों की मरम्मत करने वालों के पास भी काफी काम मिलने लगा है।
आज यानी बुधवार की सुबह होने के साथ ही निकली तीखी धूप के बीच दोपहर में बाजार की सड़कों पर चहल कदमी कम नजर आयी। उधर इन दिनों गेहूं पकने लगती है और अप्रैल के मध्य में इसकी कटाई शुरू हो जाती है। परंतु अभी पड़ रही गर्मी और हवा से गेहूं की फसल जल्दी पक जाएगी। इस गर्मी से गेहूं को भारी नुकसान होगा और सब्जी की फसल भी सड़ने की संभावना है। इसे लेकर किसानों के माथे पर बल पड़ गया है।