सेवराई तहसील क्षेत्र में नकदी फसल के रूप में किसान सब्जियों की खेती से जुड़े हैं। गंगा व कर्मनाशा नदी के तटवर्ती गांव सब्जियों की खेती के लिए प्रसिद्ध हैं। मौसम में आए बदलाव और तेज गर्मी के कारण मौजूदा समय में क्षेत्रीय किसान सब्जियों में बढ़ते कीटों के प्रकोप से परेशान हैं। सुंडी व फली छेदक कीटों के चलते उपज प्रभावित होने का खतरा बना हुआ है।
बारा, गहमर, कुतुबपुर, मगरखाई, भतौरा, दलपतपुर, सायर, देवल, सुरहा, बरेजी, अमौरा आदि गांवों में सब्जी की खेती बड़ी संख्या में किसान करते हैं। मौजूदा समय में किसान टमाटर, बैगन, भिडी, परवल, नेनुआ, लौकी और कैरैले का उत्पादन कर रहे हैं। सब्जियों में इन दिनों फली छेदक कीटों का प्रकोप हो रहा है। कीटनाशक दवाओं के छिड़काव का असर भी होता न देख अब उपज प्रभावित होने का डर सताने लगा है। बारा के मंटू सैनी, फूलचंद कुशवाहा, सुरेंद्र कुशवाहा, मुखराम कुशवाहा, अशोक पासवान आदि का कहना है कि टमाटर और बैगन में इस समय फल लग रहे हैं, लेकिन फली छेदक कीटों के प्रकोप से फसल प्रभावित हो रही है।
सायर के मुखलाल चौधरी, परशुराम चौधरी, लक्ष्मण यादव, रामू चौधरी, जयसिंह यादव सभी इस समस्या से पीड़ित हैं। किसानों का कहना है कि यह सोचकर सब्जियों की खेती की थी कि बाढ़ से हुई तबाही की भरपाई हो जाएगी। कीटों के प्रकोप से अब जमा-पूंजी हाथ से फिसलती दिखाई दे रही है।
कृषि विज्ञान केंद्र गाजीपुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक डाक्टर जेपी सिंह का कहना है कि सुंडी बहुपौध भक्षी कीट है। यह कीट फल में गोल छेद बनाकर घुसता है और धीरे - धीरे पूरा पौधा सूख जाता है। किसान इमा मेकटीन वैंजो - 8 .5 ग्राम प्रतिलीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। प्रभावित पौधों को खेत से उखाड़कर जमीन में दबा दें।