बिजनेसमैन रहे विशाल सिंह चंचल का राजनीतिक इतिहास केवल एक चुनाव ही पुराना है। वर्ष 2012 में वह निर्दल चुनाव लड़े और सपा प्रत्याशी डा. सदानंद सिंह को पराजित कर एमएलसी चुने गए। इसके बाद 20 अक्टूबर 2016 को उन्होंने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर लिया, अभी पिछले सात मार्च को उनका कार्यकाल समाप्त हो गया। इस बार फिर से वह भाजपा के बैनर तले मैदान में हैं।
एमएलसी चुनाव में जिले में बुधवार को बड़ा उलटफेर हो गया। समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी पंडित भोलानाथ शुक्ल और निर्दल प्रत्याशी देवेंद्र सिंह ने अपना पर्चा वापस ले लिया। पर्चा वापसी के बाद भोलानाथ शुक्ल भाजपा प्रत्याशी विशाल सिंह चंचल के साथ एक ही वाहन में निर्वाचन कार्यालय से बाहर निकले। सपा का आरोप है कि सरकार के दबाव में उनके प्रत्याशी ने पर्चा वापस लिया है। देवेंद्र सिंह विशाल सिंह चंचल के पिता हैं।
अब इस चुनावी मैदान में भाजपा प्रत्याशी विशाल सिंह चंचल और निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मदन सिंह यादव आमने-सामने हैं। हालांकि सपा प्रत्याशी द्वारा नाम वापसी के बाद अब भाजपा प्रत्याशी के जीत का रास्ता अब लगभग तरह से साफ नजर आ रहा है। बीते 21 मार्च के भाजपा प्रत्याशी विशाल सिंह चंचल, सपा प्रत्याशी पंडित भोलानाथ शुक्ल के साथ ही निर्दलीय प्रत्याशी मदन सिंह यादव और देवेंद्र ने राइफल क्लब सभागार में नामांकन किया था। बीते मंगलवार को नामांकन पत्रों की जांच में सभी पर्चे वैध पाए गए थे।
सपा द्वारा भोलानाथ शुक्ला को एमएलसी प्रत्याशी बनाए जाने के बाद जिले में सियासी पारा चढ़ गया था। पिछले विधानसभा चुनाव में सातों सीटें हारने के बाद भाजपा दबाव में है और एमएलसी सीट हर हाल जीतना चाहती है। इसकी पूरी तैयारी भी थी, लेकिन ऐन मौके पर सपा ने भी अपनी तरफ से दमदार प्रत्याशी देकर चुनाव को रोमांचक बना दिया था। अब सपा प्रत्याशी के पर्चा वापस लेने के बाद चंचल का मैदान साफ नजर आ रहा है। एआरओ अरुण कुमार सिंह ने बताया कि दो लोगों ने पर्चा वापस लिया है। अब भाजपा प्रत्याशी विशाल सिंह चंचल व निर्दल प्रत्याशी मदन सिंह यादव मैदान में हैं।