एमएलसी चुनाव को लेकर सादात ब्लाक मुख्यालय पर प्रधानों और बीडीसी की बुलाई गई बैठक में हुए बवाल के बाद प्रमुख पति की तहरीर पर पुलिस प्रधान पति सहित चार नामजद व चार अज्ञात के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर आगे की कार्रवाई तेज कर दी है।
इधर बड़ागांव प्रधान पति शैश्वेंद्र यादव व सपा जिलाध्यक्ष रामधारी यादव को लेकर एक प्रतिनिधिमंडल डीएम व एसपी से मिलकर पूर्व प्रमुख संतोष यादव के खिलाफ शिकायत की और मुकदमा दर्ज करने की मांग की। बुधवार को हुए इस बवाल के बाद से ही एक बार फिर से एमएलसी चुनाव को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है।
सादात ब्लाक में 88 प्रधान व 107 बीडीसी सदस्य एमएलसी चुनाव के लिए वोटर हैं। बैठक में उपस्थित बड़ागांव के प्रधान पति शैश्वेंद्र यादव का आरोप है कि ब्लाक प्रमुख केवली देवी के प्रतिनिधि संतोष यादव ने उनसे उनकी पत्नी व ग्राम प्रधान शशि यादव का प्रमाण पत्र मांगा। शैश्वेंद्र वोट देने की बात कहते हुए प्रमाण पत्र देने से मना कर दिया।
इसी बात को लेकर बहसा-बहसी के साथ मारपीट हो गई। देखते ही देखते जमकर लात घुसा और कुर्सियां चलने लगी। बीच बचाव के बाद किसी तरह मामला शांत हुआ। घटना के काफी देर बाद थाने पहुंचकर ब्लाक प्रमुख के पति विक्रम राम ने बड़ागांव के प्रधान पति शैश्वेंद्र यादव, मनीष यादव, रामधनी राजभर और विनोद राजभर को नामजद करने के साथ ही चार अज्ञात लोगों के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट का केस दर्ज कराया।
एसओ शशिचंद्र चौधरी ने बताया कि दूसरे पक्ष से कोई तहरीर नहीं मिली है। एक पक्ष से मिली तहरीर के आधार पर केस दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।
मतदाताओं को डराने, धमकाने का आरोप
समाजवादी पार्टी का प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को पीड़ित शैश्वेंद्र व हंसराज राम के साथ जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक व विधान परिषद चुनाव के पर्यवेक्षक से मिला। सादात के पूर्व प्रमुख प्रतिनिधि संतोष यादव द्वारा बड़ागांव प्रधान के प्रतिनिधि शैश्वेंद्र यादव के साथ मारपीट करने, उनका प्रमाण पत्र जबरदस्ती मांगने व जान से मारने की धमकी देने की शिकायत की। सपा जिलाध्यक्ष रामधारी यादवए पूर्व सांसद जगदीश कुशवाहा, पूर्व जिलाध्यक्ष सुदर्शन यादव, आत्मा यादव, अरुण कुमार श्रीवास्तव आदि रहे।