कासिमाबाद तहसील में राजस्व कर्मियों की कमी का खामियाजा क्षेत्र की जनता को भुगतना पड़ रहा है। आए दिन इनकी कमी के चलते गांवों में विवाद होता रहता है। तहसील में कार्यरत राजस्व कर्मियों पर नजर दौड़ाएं तो यहां 124 के सापेक्ष महज 85 लेखपाल ही 499 गांवों का लेखा-जोखा देख रहे हैं। इनमें से भी 10 लेखपाल अन्य पटलों का काम देख रहे हैं। इससे काश्तकारों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
तहसील में लेखपालों के कुल 126 पद सृजित हैं। इसमें मौजूदा समय में कार्यरत महज 75 है। ऐसी दशा में एक लेखपाल के जिम्मे लगभग 6 से 7 गांव की जिम्मेदारी है। जो पैमाइश, खसरा, खतौनी, अमलदरामद, आय, निवास, जाति, थाना दिवस, तहसील दिवस, वरासत समेत अन्य विभागों के कार्य करने पड़ते हैं। फरियादी की समस्या का निस्तारण समय से नहीं हो पाता है। इसके चलते जहां लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है, वहीं कभी-कभी लेखपालों को भी उनके गुस्से का शिकार होना पड़ता है।
आरके के काम अप्रशिक्षित लेखपाल कर रहे हैं। इसी तरह तहसील में नायब तहसीलदार के 3 पदों के सापेक्ष 1 नायब तहसीलदार है। राजस्व निरीक्षक के 17 पद के स्थान पर महज तीन ही कार्यरत हैं। संग्रह अमीनों को देखा जाए तो यहां भी 22 के बदले जहां 14 से काम लिया जा रहा है वहीं संग्रह अनुसेवक भी 22 के सापेक्ष 9 ही हैं। लेखपाल संघ के तहसील अध्यक्ष जितेंद्र यादव का कहना है कि वास्तविकता में मेरे पास 3 हलकों का चार्ज है परेशानी तो होती है। लेखपालों की संख्या बढ़ना चाहिए। वहीं इतनी बड़ी तहसील में 17 राजस्व निरीक्षकों के पद सृजित हैं, लेकिन मात्र 2 राजस्व निरीक्षक तैनात है। निरीक्षकों के पदों पर अप्रशिक्षित लेखपालों को प्रभारी बनाकर काम कराया जा रहा है।
उपजिलाधिकारी कमलेश कुमार सिंह ने बताया की लेखपाल व राजस्व कर्मियों की कमी के कारण समस्या आती है। एक लेखपाल के पास 2 से 3 सर्किल का चार्ज है। इसके लिए बोर्ड आफ रेवेन्यू को पत्र लिखा गया है।
एक नजर में राजस्व कर्मी
पदनाम-सृजित-तैनाती
एसडीएम-1-0
तहसीलदार-1-0
नायब तहसीलदार-3-1
राजस्व निरीक्षक-17-3
लेखपाल-124- 85
संग्रह अमीन-22-14
संग्रह अनुसेवक-22- 9
गांव की संख्या-499