'टीबी हारेगा भारत जीतेगा' स्लोगन के साथ जनपद में गुरुवार को विश्व टीबी दिवस का आगाज किया गया, जिसका शुभारंभ जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने जिला चिकित्सालय में दो टीबी रोगियों को गोद लेने के बाद उसे पोषण पोटली देकर किया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य टीबी रोगियों को गोद लेने के लिए लोगों को प्रेरित करना था।
इसके तहत जनपद के करीब 700 टीबी रोगियों को जनपद स्तरीय अधिकारियों के साथ ही निजी संस्थानों के द्वारा गोद लेकर उन्हें दवा खिलाने के प्रति जागरूक करना है। उनके ठीक होने तक प्रतिमाह पोषण पोटली उपलब्ध कराना और उनके स्वास्थ्य पर विशेष नजर रखना है। इस दौरान जिलाधिकारी ने जागरूकता रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
जिलाधिकारी ने बताया कि लगातार 15 दिनों तक खांसी आए तो बलगम की जांच करा लेनी चाहिए। क्योंकि बहुत सारे ऐसे भी लोग हैं जो खांसी आने के बाद भी जांच कराने से कतराते हैं, जिसके चलते उनकी बीमारी जरूरत से ज्यादा बढ़ जाती है और गंभीर हो जाती है। ऐसे में इसकी जांच और जांच के बाद निश्शुल्क उपचार ही इसका एकमात्र विकल्प है। शर्माएं नहीं, बल्कि टीबी रोग के लक्षण दिखने पर तत्काल जांच कराएं।
इसका उपचार जिला अस्पताल के साथ ही जनपद के 14 ब्लाकों में चल रहे स्वास्थ्य केंद्रों पर भी निश्शुल्क दिया जाता। इस दौरान जिलाधिकारी ने गोद लिए हुए टीबी रोगी को अपना मोमेंटो देकर सम्मानित किया। सीएमओ डा. हरगोविद सिंह ने बताया कि साल 2025 तक जनपद को टीबी मुक्त करने के उद्देश्य से सरकार द्वारा इस तरह के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इसी के तहत आज जिलाधिकारी के द्वारा दो तरह के कार्यक्रम की लांचिग की गई है।
डीपीसी ने बताया कि आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर पर टीबी की सेवाओं का विस्तार के लिए 24 मार्च 2022 से 13 अप्रैल 2022 तक कुल 21 दिन विशेष अभियान चलाकर क्षय रोगियों को खोजे जाने और उनका डाटा पोर्टल पर अपलोड करना शामिल है, जिससे अधिक से अधिक रोगियों का निश्शुल्क उपचार कराया जा सके और साल 2025 तक जनपद को टीबी मुक्त बनाया जा सके। कार्यक्रम में डा. केके वर्मा, डा. डीपी सिन्हा, डा. उमेश कुमार, डा. मनोज सिंह, विनय दुबे, मणिशंकर, अनुराग पांडेय, सुनील वर्मा, वेंकटेश प्रसाद, संजय सिंह यादव, अंजु सिंह व संगीत सिंह सहित कई लोग रहे।