निजीकरण के खिलाफ आल इंडिया बैंक इंप्लाइज एसोसिएशन के आह्वान पर सोमवार से बैंकों में दो दिवसीय हड़ताल शुरू हो गई। बैंकों के निजीकरण और उन्हें मर्ज करने की कार्रवाई का विरोध करने सहित कई मांगों को लेकर यूनियन बैंक, इलाहाबाद बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, बैंक आफ बड़ौदा आदि बैंक कर्मचारी सोमवार से दो दिवसीय हड़ताल पर रहे। बैंकों के बाहर ताले लटके नजर आए। बैंक यूनियन के अधिकारी और कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। उपभोक्ता दिनभर बैंकों का चक्कर लगा निराश हो लौटते रहे। जिले में इस हड़ताल से कुल लगभग 100 करोड़ से अधिक का लेनदेन प्रभावित हुआ।
हड़ताल के दौरान यूपी बैंक इंप्लाइज यूनियन के क्षेत्रीय सचिव और यूनियन बैंक स्टाफ एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष जितेंद्र शर्मा ने कहा कि सरकार श्रम और श्रमिक कानूनों में संशोधन करना चाह रही है। बैंकों में सरकारी पूंजी को 51 फीसद से घटाकर 35 फीसद करना चाह रही है। इन्होंने अपने सात सूत्रीय मांग को सामने रखा। इसका असर जिले के ग्रामीण क्षेत्र से लेकर नगर तक के बैंकों में देखने को मिला। यह हड़ताल 29 मार्च को भी चलेगी। हालांकि स्टेट बैंक इस हड़ताल से बाहर है।
मुहम्मदाबाद : नगर सहित इलाके में राष्ट्रीयकृत बैंकों में हड़ताल के चलते ताला लटका रहा। इससे बैंक ग्राहकों, व्यापारियों को काफी परेशानी उठानी पड़ी। इलाके में यूनियन बैंक आफ इंडिया, इंडियन बैंक, बैंक आफ बड़ौदा, बैंक आफ इंडिया के कर्मी हड़ताल पर रहने से लोगों का जमा निकासी का कार्य नहीं हुआ।
सैदपुर : हड़ताल के चलते बैंक व एलआइसी कार्यालय बंद होने से आम ग्राहकों को परेशानी हुई। एलआइसी कार्यालय के सामने कर्मचारियों ने धरना दिया। इसी तरह बैंकों के सामने भी अपनी मांगों को लेकर कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया। ग्राहकों को निराश होकर वापस लौटना पड़ा।
नंदगंज : स्थानीय बाजार स्थित डाकघर में कर्मचारियों ने सोमवार को डाक कर्मचारी संघ के आवाह्न पर 22 सूत्री मांगों को लेकर देशव्यापी दो दिवसीय हड़ताल पर रहे। इस बीच सरकार विरोधी नारे लगाए गये। कार्य का सप्ताह पांच दिन का हो, जीडीएस को सरकारी कर्मचारियों का दर्जा दिया जाए तथा निजीकरण एवं ठेकेदारी प्रथा बंद की जाए।