कोरोना संकट के दौरान सरकारी अस्पताल आधुनिक उपकरणों से सज्जित हुए हैं। इससे दम तोड़ रहे अस्पतालों को संजीवनी मिली। चार ऑक्सीजन प्लांट लगवाए गए। अस्पताल में वेंटिलेटर की सुविधा के लिए मरीजों को परेशान होना पड़ता था लेकिन अब कई अस्पतालों में यह सुविधा उपलब्ध हो गई है। आज मरीज लाभान्वित हो रहे हैं।
कोरोना की विकट परिस्थितियों से दो-दो हाथ करते हुए अस्पताल के प्रत्येक बेड तक ऑक्सीजन की पाइप लाइन पहुंचाई गई। दवाईयों के साथ जांच के लिए अत्याधुनिक मशीनों तक को स्थापित कराया गया। यही नहीं वेंटिलेटर जैसी सुविधाओं के लिए मरीजों को जेब ढीली करनी पड़ती, आज प्रत्येक वेंटिलेटर बेड की सुविधा से अस्पताल सुसज्जित हो चुके हैं। जिला अस्पताल की बात की जाए तो 260 बेड के इस अस्पताल में चिकित्सकीय सुविधाओं का अभाव बना हुआ था, लेकिन कोविड संकट काल के दौरान और उससे उबरने के बाद आज यहां 59 वेंटिलेटर, 260 सुसज्जित बेड, ऑक्सीजन प्लांट, जांच के लिए अत्याधुनिक मशीन सहित अन्य चिकित्सकीय उपकरण हैं।
वहीं जिला महिला अस्पताल में भी ऑक्सीजन प्लांट के अलावा अन्य बेहतर चिकित्सकीय व्यवस्थाएं सुसज्जित हैं। इसके अलावा सैदपुर, मनिहारी और कासिमाबाद सीएचसी भी ऑक्सीजन प्लांट से लैस हो चुका है। अस्पतालों को मिली इन संजीवनी से मरीजों को आज नया जीवन मिल रहा है। इस संबंध में जिला अस्पताल के सीएमएस डा. राजेश कुमार सिंह ने बताया कि कोरोना संकट काल के दौरान और उससे उबरने के बाद आज अस्पताल बेहतर चिकित्सकीय सुविधाओं से लैस हो चुका है, जिसका लाभ मरीजों को मिल रहा है।