गर्मी बढ़ने के साथ बिजली व्यवस्था की हकीकत सामने आने लगी है। शनिवार सुबह रौजा स्थित बिजली विभाग उपकेंद्र पर 11 हजार वोल्ट के तार में स्पार्किंग होने से वर्कशाप में आग लग गई। उपकेंद्र पर ट्रांसफार्मर मरम्मत का काम होने से वहां तेल, बिजली के तार समेत वर्कशाप के अन्य सामान बिखरने से चिंगारी ने आग का रूप धारण कर लिया। जो वर्कशाप से विद्युत उपकेंद्र तक पहुंच गई। हालांकि दमकलकर्मियों ने आग पर काबू पा लिया और उपकेंद्र को भारी नुकसान से बचा लिया।
वहीं, सुबह 10.30 बजे आग लगी जिस पर 11.30 बजे बुझा लिया गया। रौजा समेत ग्रामीण इलाकों में बिजली आपूर्ति प्रभावित हो गई। दोपहर करीब एक बजे रौजा इलाके में विद्युत सप्लाई बहाल हो गई लेकिन अभी ग्रामीण फीडर से विद्युत आपूर्ति बाधित ही है। अधिकारियों का कहना है कि रविवार सुबह तक ग्रामीण फीडर की विद्युत आपूर्ति बहाल कर दी जाएगी।
आग की चपेट में उपकेंद्र का पैनल मशीन खराब हो गया है। जिसकी वजह से एक हफ्ते विद्युत आपूर्ति को लेकर परेशानी झेलनी पड़ सकती है। शहर क्षेत्र के सहायक अभियंता शिवम राय ने बताया कि रौजा वर्कशाप में आग लगने के कारण उपकेंद्र पर लगे कंट्रोल रूम एव टीपीएमों में तकनीकी खराबी आ जाने के कारण एक हफ्ते तक विद्युत आपूर्ति रूक-रूककर मिलेगी। उन्होंने बताया कि मरम्मत का कार्य प्रारंभ हो गया है जल्द ही सभी फाल्ट एक हफ्ते में दूर कर ली जाएगी।
उल्लेखनिय है कि शहर में कुल चार विद्यतु उपकेंद्र हैं। रौजा विद्युत उपकेंद्र के अलावा पीरनगर, प्रकाशनगर और लोटन इमली में विद्युत उपकेंद्र स्थापित हैं। इन केंद्रों की पड़ताल की गई तो चारों उपकेंद्रों पर रात्री लाइन मैन नहीं है। इसकी वजह से रात में बिजली आपूर्ति या स्पार्किंग से संबंधित समस्या होने पर इसको देखने वाला कोई नहीं रहता। पीरनगर उपकेंद्र पर बिजली के दो खंभे जर्जर हो जाने से यहां स्पार्किंग होती रहती है। ऐसे ही प्रकाशनगर उपकेंद्र पर जर्जर तार बदलने के लिए तार की उपलब्धता न होना भी बड़ी समस्या है। लोटन इमली उपकेंद्र से बिजली सप्लाई आधा शहर और आधा गांव में होता है। गर्मी बढ़ने के साथ जर्जर तार यहां भी बड़ी समस्या बनकर उभरते हैं।
रौजा क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति बहाल कर दी गई है। मरम्मत कार्य कराया जा रहा है। पूरी क्षमता से बिजली आपूर्ति को बहाल करने की कवायद चल रही है।