सुहवल क्षेत्र के रमवल गांव में मंगलवार की दोपहर में 11 लोगों की 14 रिहायशी झोपड़ियों की पूरी जमालनगर बस्ती जलकर खाक हो गई। भीषण अग्निकांड में दो पशु गंभीर रूप से झुलस गए, जबकि दस मुर्गियां आग से झुलसकर मर गई। झोपड़ियों में रखा कई क्विटल खाद्यान्न, कपडा, हजारों की नगदी, पशुओं का चारा, चारपाई-बिस्तर सहित घर गृहस्थी का सामान आग की भेंट चढ़ गया। इससे जमालनगर बस्ती में कोहराम मच गया। सूचना पर पहुंची पुलिस व ग्रामीणों ने आग पर काबू पाने का प्रयास किया, मगर आग की लपटों ने लोगों को घंटे भर छकाया।
मंगलवार को दोपहर 12 बजे बस्ती में रहने वाले सुमेशर प्रजापित के घर अचानक आग लग गई। देखते ही देखते आग पूरी बस्ती में फैल गई। ग्रामीण आग को बुझाने में जुट गए, लेकिन तब तक आग ने बस्ती की सभी 14 झोपड़ियों को अपनी चपेट में ले लिया। ग्रामीणों ने काफी मशक्कत कर डेढ़ घंटे बाद निजी ट्यूबवेल के जरिए पानी डाल आग पर काबू पाया। वहीं सूचना पर घंटे घर देर से पहुंची अग्निशमन दस्ते ने भी उठ रहे आग की लपटों को किसी तरह से बुझाया।
आग के कारणों का पता नहीं चल सका है। ग्राम प्रधान पति जलालुद्दीन खां व लेखपाल बृजकिशोर ने आग से नुकसान की रिपोर्ट तैयार कर उच्चाधिकारियों को प्रेषित कर दी। ग्राम प्रधान रूबी खां ने पीड़ितों को आर्थिक, आवासीय आदि सुविधाएं उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। इन परिवारों का सबकुछ जला
इस अग्निकांड में विजयी पासवान, सुनिल पासवान, शकील साई, सुमेशर प्रजापति, नरेश प्रजापति, दुईज प्रजापति, राजेश प्रजापति, सरोज पासवान, मालती देवी व रमेश पासवान की एक-एक रिहायशी झोपड़ी सहित पूरा सामान जल गया। वहीं शकील की दो रिहायशी झोपड़ी जलने के साथ ही दो पशु झुलस गए व दस मुर्गियां आग में झुलसकर मर गईं। आग से सबकुछ जलकर राख होने के कारण इन परिवारों के सामने आर्थिक संकट पैदा हो गया है।