चकरोड़ निर्माण में रुकावट डालने को लेकर उग्र हुए ग्रामीण करीमुद्दीनपुर थाना पहुंचकर जमकर हंगामा किया। जहां पुलिस ने किसी तरह उन्हें समझा-बुझाकर मामला शांत कराया। क्षेत्र के करीमुद्दीनपुर, कबीरपुर गांव के चकरोड निर्माण के कार्य में रुकावट डालने पर सैकड़ों की संख्या में पुरुष और महिलाएं थाना पहुंच गयीं और निर्माण कार्य में अवरोध उत्पन्न करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर नारेबाजी करने लगे। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस कार्रवाई करने का आश्वासन देकर कर किसी तरह उन्हें समझा-बुझाकर थाने से वापस किया।
कबीपुर, नवकी पट्टी, बाबूलाल का पूरा गांव से मुख्य सड़क को जाने के लिए मार्ग नहीं होने से यहां के ग्रामीणों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। इस गांव से जुड़े ग्रामीणों को हर मौसम में पगडंडी के सहारे आना-जाना करना पड़ता है। चार पहिया, दो पहिया वाहन रास्ते के अभाव में इन गांव में नहीं जा सकता। इसे लेकर पिछले दिनों गांव के सैकड़ों पुरुष व महिलाएं करीमुद्दीनपुर रेलवे स्टेशन पहुंच रेल चक्का जाम भी किया था। इसके बाद चकरोड की पैमाइश कर लेखपालों व कांनूनगो ने निशानदेही की थी।
इसके बाद प्रधान प्रतिनिधि सोमवार को मजदूरों संग मौके पर पहुंचकर काम शुरू करना चाहा, लेकिन चकरोड पर पहले से कब्जा जमाए लोग ग्रामीणों को धमकाते हुए वहां से भगा दिया। इससे गुस्साये सैकड़ों की संख्या में पुरुषों व महिलाएं करीमुद्दीनपुर थाना पहुंचकर हंगामा शुरू कर दिया। ग्रामीणों के उग्र तेवर को देख पुलिस ने कार्रवाई करने का आश्वासन देकर कर किसी तरह उन्हें समझा-बुझाकर गुस्सा शांत कराया। इधर चकरोड निर्माण में रुकावट डालने वाले श्रीपत चौहान, रमेश चौहान, बिहारी गौड, शिबू गोड को एक सप्ताह में चकरोड़ की जमीन को खाली करने का निर्देश दिया है।