पश्चिमी विक्षोभ के चलते बिगड़ा मौसम अब सुधार की ओर है। आसमान में जमा बादलों का डेरा छंटने लगा है, नतीजा सुबह से ही निकले सूर्यदेव ने वातावरण में अपनी मौजूदगी दिखाई, कोहरा भी कुछ छंटा, दिन के तापमान में दो डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी हुई तो वहीं पश्चिमोत्तरी हवा के 8-10 किमी प्रति घंटा के वेग से चलने से सुबह और रात के न्यूनतम तापमान में दो डिग्री सेंटीग्रेड की गिरावट दर्ज की गई।
मौसम विज्ञानियों का अनुमान है कि अगले दो चार दिनों तक मौसम ऐसा ही बना रहेगा। हिमालय की ओर से आने वाली पश्चिमोत्तरी हवाएं सुबह-शाम के तापमान को गिराकर गलन बढ़ाएंगी और लोगों को कंपकंपाएंगी तो दिन के तापमान को सूरज की किरणें संभाल लेंगी। इस बीच वातावरण में व्याप्त आर्द्रता के चलते सुबह-शाम कोहरे का असर भी बना रहेगा। इसके चलते दृश्यता दोनों समय 1000 मीटर से कम ही रहेगी। बहरहाल बुधवार को आर्द्रता 85 फीसद रही और न्यूनतम दृश्यता 900 मीटर तक रही।
बीएचयू के मौसम विज्ञानी प्रो. मनोज कुमार श्रीवास्तव बताते हैं कि जैसा कि अनुमान था कि मंगलवार से धीरे-धीरे आसमान में जमे बादल हटना शुरू हो गए हैं। अभी एक-दो दिन तक इनकी गति धीमी ही रहेगी लेकिन तीन दिनों में आसमान पूरी तरह साफ हो सकता है क्योंकि फिलहाल किसी और पश्चिमी विक्षोभ की आहट नहीं दिख रही।
आसमान साफ होने से और हवा की गति और बढ़ने से तापमान में गिरावट आएगी लेकिन दिन में सूरज की किरणों की मौजूदगी इनका असर कम करेगी। फिर भी सुबह शाम और रात में गलन भरी कड़ाके की ठंड अभी हफ्ते भर पड़ेगी। स्थानीय स्तर पर बन रहा मिश्रित हवाओं का वातावरण अब अगले आठ-10 दिनों में मौसम को वासंती बना देगा। प्रो. श्रीवास्तव बताते हैं कि उम्मीद है कि आने वाले दो-तीन दिनों में न्यूनतम तापमान घटकर 7-8 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है।