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बसों में कोहरे के कहर से बचे तो सर्दी ले लेगी जान, टूटी खिड़कियों संग सफर करना मजबूरी

बसों की इन तस्वीरें को जरा गौर से देखिए। खिड़कियों के शीशे टूटे हुए हैं। रोडवेज प्रशासन इसी व्यवस्था के सहारे कोहरे में सुरक्षित सफर कराने का भरोसा दिला रहा है। तस्वीरें बयां कर रहीं कि कोहरे के कहर से बच भी गए तो सर्दी जरूर जान ले लेगी।

सड़कों पर कोहरा मौत का झपट्टा मारने को तैयार खड़ा होगा। रोडवेज प्रशासन की तैयारियां जानने की कोशिश की गई तो नजारे चौंकाने वाले नजर आए। रोडवेज प्रशासन की तरफ से तैयारियों की स्थिति हैरान करने वाली नजर आयी, जो परिक्षेत्र की 550 बसों में महज नमूना हो सकती है। शनिवार की रात 8.30 बजे कैंट बस स्टैंड पर दैनिक जागरण पड़ताल की में विभागीय तैयारियों की कलई खुल गई। यहां प्लेटफार्म के बाहर लखनऊ जाने के लिए तैयार जौनपुर डिपो की लोहिया सेवा (यूपी 65ईटी9202) में टीन की शीट से हवा रोकने का जुगाड़ लगाया गया था।

प्लेटफार्म नंबर तीन पर सवारियां लाद रही गाजीपुर डिपो की गोरखपुर, आजमगढ़ सेवा (यूपी 65सीटी9163) की पिछली खिड़की का शीशा टूटा मिला। वही, कतार में खड़ी ग्रामीण डिपो की वाराणसी - आजमगढ़ सेवा (यूपी 65 ईटी 6488) की खिड़की का शीशा गायब था। प्लेटफार्म पर खड़ी गाजीपुर डिपो की गोरखपुर, मऊ व दोहरीघाट सेवा (यूपी 65एटी 6114) की तस्वीर देख कर ही पता चल जाएगा। इसमें टूटे हुए शीशे के साथ उसे रवाना कर दिया गया।

बहुतेरी ऐसी कि सड़कों पर रफ्तार भरने के बाद कोहरे के गुबार को अंदर भरने से न रोक सकें। ऐसी परिस्थिति में कोहरे के कहर से यात्री बच भी गए तो सर्दी उनकी जान जरूर ले लेगी। दोनों ही बसों के चालकों ने बताया कि वर्कशाप में पहले से कई बसें दुरुस्त हो रहीं हैं। बसों की स्थिति से अवगत कराया गया है, जल्द ही हमारी गाड़ी भी वर्कशाप जाएगी। बोले सर्दियों में ऐसी गाडिय़ों की सवारी करना लोग पसंद नहीं करेंगे।

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