गाजीपुर शहर की सबसे बड़ी समस्या सीवरेज के निदान के लिए सीवर लाइन बिछाने की सुस्त रफ्तार लोगों के लिए मुसीबत बनी है। महीनों से सीवर लाइन के लिए सड़कें खोदकर छोड़ दी गई है। उधर, सीवर लाइन के लिए खोदाई में पेयजल पाइप कटने से लोगों को पानी के लिए भी दुश्वारियां उठानी पड़ रही है।
प्रतिदिन नगर का 21 मिलियन लीटर पर डे (एमएलडी) गंदा पानी गंगा में गिर रहा है। नमामि गंगे योजना के तहत इस पानी को शोधित करने के लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट निर्माण की योजना है। हालांकि अभी तक जमीन चिन्हित ही हुई है। इसके बनने में लंबा वक्त लगेगा। अक्टूबर 2019 से जलनिगम निर्माण खंड द्वितीय से नगर में सीवर लाइन बिछाने का कार्य शुरू है। गाजियाबाद की एक कंपनी को इसकी जिम्मेदीरी सौंपी गई है। दिसंबर 2022 तक इसे पूरा करने का लक्ष्य दिया गया है। करीब छह माह पूर्व शुरू मेनलाइन कार्य के तहत आदर्श गांव से पीजी कालेज चौराहा तक लाइन बिछाई गई।
यह कार्य कई महीने में पूरा हुआ। इसके बाद चौराहे से गोरा बाजार की सड़क खोदी गई है। आधा किमी लाइन बिछाने में तीन माह से अधिक का समय लग गया, जिससे स्थानीय नागरिकों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। स्थानीय नागरिकों सुनील वर्मा, दिनेश गुप्ता, रमेश यादव, गोरख आदि का कहना है कि कार्य की रफ्तार सुस्त है। बीच-बीच में कार्य बंद रहता है, जिससे परेशानी हो रही है। आए दिन पेयजल की पाइपलाइन कटने से कई-कई दिन तक घरों में पेयजल का संकट रहता है। जलनिगम निर्माण खंड दो के अवर अभियंता पंकज यादव ने बताया कि खोदाई के दौरान पानी की लाइनें कटने से समस्या आ रही है, जिससे कार्य प्रभावित हो रहा है। हालांकि कार्य को जल्द पूरा करने का प्रयास चल रहा है।
तीन जगह बनेगा चेंबर
सीवर लाइन के लिए तीन जगह चेंबर बनेगा। इसके अलावा सभी घरों को इस लाइन से कनेक्ट किया जाएगा, ताकि घरों का पानी सीवर लाइन में गिरे। गली मोहल्लों को मेन लाइन से जोड़ने का कार्य भी अभी बाकी है। माना जा रहा है कि निर्धारित समय में कार्य पूरा होना काफी मुश्किल है।
कुल सीवर लाइन -84
लागत-132 करोड़
अब तक बिछाई 60 किमी
कार्य पूरा करने का समय-दिसंबर 22
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