नारियल के छिलके के रेशे से बने विशेष फैब्रिक क्वायर जियो-टेक्सटाइल से अब उत्तर भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क को टिकाऊ बनाने की तैयारी है। इसके लिए सूक्ष्म और लघु उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई) के तहत आने वाले क्वायर बोर्ड ने तैयारी शुरू कर दी है। उत्तर भारत में इस योजना के केंद्र में बनारस होगा। इसके लिए यहां एक क्वायर (नारियल के ऊपरी हिस्से से प्राप्त खुरदुरा रेशा) बैंक स्थापित किया जाएगा। इसमें नारियल के छिलके में मौजूद रेशे से जियो-टेक्सटाइल समेत अन्य उत्पाद तैयार किए जाएंगे। इंडियन रोड्स कांग्रेस (आइआरसी) ने ग्रामीण सड़कों के निर्माण के लिए क्वायर-जियो टेक्सटाइल को मान्यता दे दी है। आइआरसी देश में राजमार्ग इंजीनियरों की सर्वोच्च संस्था है।
केंद्र सरकार ने 2020 में ही सड़कों की दशा में स्थायी सुधार के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तीसरे चरण में ग्रामीण इलाकों में 'क्वायर जियो-टेक्सटाइल के प्रयोग की स्वीकृति दे दी थी। इस तकनीक का प्रयोग सबसे पहले फ्री ट्रायल के रूप में केरल के कोन्नी स्थित राजीव गांधी इंडोर स्टेडियम में किया गया। केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सड़क निर्माण में क्वायर-जियो टेक्सटाइल का सफलतापूर्वक प्रयोग किया गया है। प्रारंभिक रिपोर्ट में यह तकनीक किफायती और संतोषजनक पाई गई है। विदेश में सड़कों को मजबूती प्रदान करने के लिए क्वायर-जियो टेक्सटाइल का बड़े पैमाने पर प्रयोग होता है, लेकिन भारत में अभी इसका प्रचलन व्यापक स्तर पर शुरू नहीं हुआ है।
15 प्रतिशत कम हो जाएगी सड़क निर्माण की लागत
सेंट्रल क्वायर रिसर्च इंस्टीट्यूट, केरल और इंडियन जूट इंडस्ट्रीज रिसर्च एसोसिएशन, कोलकाता के निदेशक रहे डा. यूएस शर्मा का कहना है कि क्वायर-जियो टेक्सटाइल से केरल व तमिलनाडु में कई सड़कें बनी हैैं। इस तकनीक से सड़क बनाने की लागत में 15 प्रतिशत तक कमी आती है। सड़क की उम्र दस साल तक बढ़ जाती है और बार-बार सड़क बनाने से छुटकारा मिल जाने से सड़कों की ऊंचाई बहुत नहीं बढ़ती। जियो टेक्सटाइल का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इसके प्रयोग के बाद सड़क धंसती नहीं हैै।
क्या है क्वायर-जियो टेक्सटाइल
क्वायर को धरती का सबसे मजबूत रेशा माना जाता है। क्वायर-जियो टेक्सटाइल एक प्राकृतिक पारगम्य फैब्रिक है, जो बेहद मजबूत होने के साथ अत्यधिक टिकाऊ, टूट-फूट, मोड़ एवं नमी प्रतिरोधी है। साथ ही किसी भी सूक्ष्मजीव (माइक्रो आर्गेनिज्म) के हमले से मुक्त है। क्वायर-जियो टेक्सटाइल में लिगनिग नामक पदार्थ 20 प्रतिशत होता है, जिसमें मिट्टी को बांधे रखने की क्षमता होती है। इस कारण इसका उपयोग नदी तटबंधों, खादान की ढलानों का स्थिरीकरण करने और मिट्टी के कटाव को रोकने में भी किया जा सकता है।
एमएसएमई मंत्रालय को प्रस्ताव दिया गया
क्वायर-जियो टेक्सटाइल की गुणवत्ता पर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) मद्रास ने भी मोहर लगा दी है। क्वायर बैैंक बनाने के लिए एमएसएमई मंत्रालय को प्रस्ताव दिया गया है। ग्रामीण विकास मंत्रालय ने भी ग्रामीण क्षेत्र की सड़कों में क्वायर-जियो टेक्सटाइल के उपयोग के निर्देश हैैं। तकनीक को बढ़ावा देने से हजारों लोगों को रोजगार भी मिलेगा।