बाराबंकी जेल में बंदी के संक्रमित होने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बंदियों से उनके संबंधियों की मुलाकात को स्थगित करने का निर्देश दिया है। यह फैसला पूरे प्रदेश की जेलों पर लागू होगा। गृह विभाग ने इससे संबंधित आदेश जारी कर दिया। मुख्यमंत्री ने नए साल के पहले दिन कोविड 19 के संबंध में बुलाई गई बैठक में कहा कि कोरोना के नए मामलों में तेजी देखने को मिल रही है।
थोड़ी सी भी लापरवाही प्रदेशवासियों के लिए भारी पड़ सकती है। सीएम ने कहा बाराबंकी में कोविड पॉजिटिव पाए गए बंदी के स्वास्थ्य की निगरानी की जाए। आवश्यकता होने पर तत्काल अस्पताल में इलाज की सुविधा मुहैया कराई जाए। उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों का मानना है कि संक्रमण तेज है लेकिन वायरस कमजोर है। अतः कोरोना प्रोटोकॉल का हर हाल में अनुपालन जरूरी है। कोरोना के खिलाफ अब तक की लड़ाई में उत्तर प्रदेश के प्रयास को वैश्विक सराहना मिली है, आगे भी हम सभी के सहयोग से जीत हासिल करेंगे।
कल से दो दिन पूरे प्रदेश में मॉक ड्रिल
सीएम ने कहा कि प्रदेश में मौजूद शासकीय/निजी कोविड अस्पतालों की तैयारी की समीक्षा के साथ-साथ मॉक ड्रिल भी किया जाना चाहिए। तीन-चार जनवरी को यह कार्य प्रदेश में एक साथ हो। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी व विशेषज्ञों की निगरानी में संसाधनों की परख की जाए। वेंटिलेटर, पीकू की संख्या आवश्यकतानुसार और बढ़ाई जाए। सीएम ने कहा कि टीका लगाने के लिए सीएम हेल्पलाइन के माध्यम से भी आमजन से संपर्क किया जाए।
03 जनवरी से 15 से 18 वर्ष के किशोर बच्चों को कोविड टीकाकरण का सुरक्षा कवर प्रदान करने का महत्वपूर्ण कार्यक्रम प्रारंभ हो रहा है। इसी प्रकार, 10 जनवरी से सभी कोरोना वॉरियर्स, हेल्थकेयर व फ्रंटलाइन वर्कर्स तथा 60 वर्ष से ऊपर की आयु के को-मॉर्बीडिटी वाले नागरिकों को प्री-कॉशन डोज दी जाएगी। इसके लिए वैक्सीन की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। कोविड टीकाकरण में उत्तर प्रदेश ने अब तक शानदार कार्य किया है।
दस साल से लंबित प्रोजेक्ट में जवाबदेही तय की जाए
मुख्यमंत्री ने कहा कि निर्माण कार्य में संलग्न विभिन्न कार्यदायी संस्थाओं के कार्य की मुख्य सचिव द्वारा समीक्षा की जाए। दशक भर से लंबित प्रोजेक्ट की देरी पर जवाबदेही तय की जाए। कार्य में गुणवत्ता, शुचिता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए।